कनार्टकः नाराज चल रहे 10 विधायक नहीं पहुंचे थे सदन, आज कुमारस्वामी पेश करेंगे बजट

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कर्नाटक में कांग्रेस से नाराज चल रहे पार्टी विधायकों ने जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार को मुश्किल हालात में लाकर खड़ा कर दिया है. बीते गुरुवार को विधानसभा सत्र के दूसरे दिन भी कांग्रेस के नाराज विधायक सदन में नहीं पहुंचे. एनडीटीवी की खबर के अनुसार इसे लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी ने यह कहते हुए सदन की कार्यवाही बाधित कर दी कि सत्तारूढ़ गठबंधन ने बहुमत खो दिया है. अपनी फजीहत होते देख कांग्रेस ने शुक्रवार को बजट सत्र से पहले पार्टी विधायकों की एक मीटिंग बुलाई है और सख्त निर्देश दिए हैं कि अनुपस्थित रहने वालों के खिलाफ ऐंटी डिफेक्शन लॉ (दल-बदल कानून) के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उमेश जाधव को वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के चेयरमैन पद से हटा दिया दूसरी तरफ अटैकिंग मोड में आई बीजेपी के विधायक बीते गुरुवार को सदन के वेल में उतर आए और स्पीकर को मजबूर कर दिया कि वह सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दें. इसी कड़ी में आज बजट पेश करने से पहले सीएम एचडी कुमारस्वामी ने कांग्रेस के विधायक उमेश जाधव को वेयरहाउस कॉर्पोरेशन के चेयरमैन पद से हटा दिया है. उनकी जगह प्रताप गौड़ा पाटिल लेंगे. इसके आलावा कर्नाटक में रायचूर से कांग्रेस विधायक बसनगौड़ा डड्डल को महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया जा सकता है बता दें कि पार्टी ने व्हिप जारी कर सभी विधायकों को सदन में उपस्थित रहने के लिए कहा था. इसके बाद भी नाराज चल रहे कांग्रेस के करीब 10 विधायक बीते गुरुवार को 10 दिवसीय बजट सत्र के पहले दिन सदन में मौजूद नहीं थे. कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता सिद्धारमैया ने उन्हें चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि अगर शुक्रवार सुबह ये नेता सीएलपी की बैठक में शामिल नहीं होते हैं तो उन्हें दल-बदल कानून के तहत अयोग्य घोषित किया जा सकता है. बजट को 15 फरवरी को बहस के बाद पारित किया जाना है बता दें कि मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी शुक्रवार यानी आज अगले वित्तीय वर्ष (2019-20) के लिए बजट पेश करने वाले हैं. इन नाराज विधायकों से निपटने के लिए, कांग्रेस ने स्थिति की समीक्षा की और विधानसभा अध्यक्ष के आर रमेश कुमार को इसे लेकर पत्र लिखने का विचार किया जा रहा है. इसमें बजट सत्र के दौरान गैरहाजिर रहने वाले विधायकों को अयोग्य घोषित करने की मांग भी शामिल हो सकता है. बजट को 15 फरवरी को बहस के बाद पारित किया जाना है. इसे पास करने के लिए सभी 79 कांग्रेस सदस्य का सदन में उपस्थित होना जरूरी है.

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