पाकिस्‍तानी निशानेबाजों के हिस्‍सा नहीं लेने पर आईओसी ने हटाया दो ओलिंपिक कोटा 

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अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी निशानेबाजों को वीजा नहीं दिए जाने के बाद दिल्‍ली निशानेबाजी विश्व कप के सभी 16 ओलिंपिक कोटा के बजाय महज दो कोटे को हटाने का फैसला किया है. अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ (आईएसएसएफ) अध्यक्ष व्लादिमीर लिसिन ने पहले को कहा था कि पाकिस्तान के साथ स्थिति को देखते हुए सभी 16 ओलिंपिक कोटे हटा लिए जाएंगे, लेकिन अब आईओसी ने अपनी बैठक के बाद कहा कि सिर्फ पुरुषों के 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा से ओलिंपिक क्वालीफिकेशन दर्जा हटा लिया गया है. इस स्पर्धा में दो ओलिंपिक कोटे प्राप्त किए जा सकते थे. आईओसी ने स्विट्जरलैंड के लुसाने में कार्यकारी बोर्ड की बैठक के बाद बयान जारी कर कहा कि आईओसी ने सिर्फ 25 मीटर रैपिड फायर पिस्टल स्पर्धा से ओलंपिक क्वालीफिकेशन दर्जा हटाया है जिसमें दो पाकिस्तानी निशानेबाजों को भाग लेना था. इसमें कहा गया कि यह 61 देशों के उन 500 निशानेबाजों के हित में लिया गया है जो अन्य स्पर्धाओं में भाग ले रहे हैं और वे टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए पहले ही भारत में हैं. एनआरएआई के अध्यक्ष रनिंदर सिंह ने पीटीआई से कहा कि नई दिल्ली विश्व कप की आयोजन समिति आईएसएसएफ अध्यक्ष व्लादिमीर लिसिन, आईएसएसएफ महासचिव एलेक्जैंडर रैटनर, आईओए अध्यक्ष नरिंदर बत्रा और खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ का शुक्रिया अदा करते हैं जिन्होंने सुनिश्चित किया कि इस पेचीदा स्थिति में सर्वश्रेष्ठ फैसला लिया जाए. पाकिस्तान ने दो निशानेबाजों जी एम बशीर और खलील अहमद के वीजा के लिये आवेदन किया था जिन्हें नयी दिल्ली में टूर्नामेंट में रैपिड फायर वर्ग में हिस्सा लेना था जो 2020 ओलंपिक खेलों के लिये क्वालीफायर प्रतियोगिता भी है।

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