ममता बनर्जी का 'पर्दाफाश' करने वाली लाल डायरी है भी या नहीं?

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कोलकाता के शारदा चिटफंड मामले में शारदा ग्रुप के चेयरमैन सुदीप्त सेन का कहना है कि इस मामले में अहम सबूत के तौर पर बताई जा रही किसी भी लाल डायरी के बारे में वो नहीं जानते. उन्होंने कहा, असल में ऐसी कोई भी लाल डायरी नहीं है. दरअसल कोलकाता में रोजवैली और शारदा चिटफंड मामले को लेकर रविवार रात से काफी हंगामा मचा हुआ था. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी 2 दिनों से धरने पर बैठी हुई थी. इस बीच सोमवार को केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने दावा किया था कि इन घोटालों से जुड़े अहम सबूत मिटा दिए गए है और एक लाल डायरी भी गायब है. न्यूज 18 के मुताबिक मंगलवार को सुदीप्त सेन को कड़ी सुरक्षा के बीच उत्तर 24-परगना की एक जिला अदालत में पेश किया गया. कोर्ट में पेश होने से पहले सुदीप्त सेन ने कहा, मेरे पास ऐसी लाल डायरी नहीं है. जब उनसे लैपटॉप और पेनड्राइव के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हां एक लैपटॉप है. कैसे शुरू हुआ था हंगामा? रविवार को चिटफंड घोटालों के सिलसिले में कोलकाता के पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने पहुंची सीबीआई अधिकारियों की एक टीम और कोलकाता पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. पुलिस का कहना था कि सीबीआई बिना किसी वारंट के केंद्र सरकार के कहने पर वहां पहुंची है. पुलिस ने करीब 3-4 घंटे के लिए सीबीआई के पांच अधिकारियों को गिरफ्तार भी कर लिया. इतने में मौके पर ममता बनर्जी पहुंची और इस पूरे मामले को केंद्र की साजिश ठहराया. ममता ने यहां प्रेस से बात करते हुए कहा कि सरकार जानबूझ कर चुनाव से पहले चिट फंड का मामला उठाती है. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने ही इस मामले में आरोपियों को जेल का रास्ता दिखाया था. केंद्र सरकार सारे जांच एजेंसियों को अपने इशाने पर नचा रही है. राज्य में इमरजेंसी जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं. जावड़ेकर ने क्या कहा था? ममता की तरफ से राज्य के माहौल को इमरजेंसी जैसा बताने के बाद जावड़ेकर ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ये ममता जी की इमरजेंसी है बंगाल में, हमारी नहीं है, ममता जी की है. इसके अलावा प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ये सभी पार्टियां भ्रष्टाचार के नाम पर एकजुट हुई हैं. जावड़ेकर ने कहा, 'विपक्षी पार्टियां ममता बनर्जी का समर्थन कर रही हैं. कौन हैं ये लोग? ये सभी बेल पर बाहर हैं. ऐसे लोग एक साथ खड़े हैं. यह महागठबंधन नहीं है, ये पार्टियां नजरिए के नाम पर अलग और भ्रष्टाचार के नाम पर एकजुट हैं. सारे भ्रष्टाचारी एक साथ खड़े हैं.'

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