राहुल ने ओडिशा में मोदी, पटनायक पर लगाया आदिवासियों की जमीन हथियाने का आरोप

advertise here
Read Full Article from Here

लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक पर आदिवासियों की जमीन छीनने का आरोप लगाया और कहा कि उनकी पार्टी जनजातीय समुदाय के अधिकारों के संरक्षण के लिए काम करेगी. राज्य के पिछड़े इलाकों में शामिल भवानीपटना में एक रैली को संबोधित कर रहे गांधी ने कहा कि केंद्र की बीजेपी नीत सरकार और ओडिशा में बीजेडी सरकार दलितों, आदिवासियों, किसानों और गरीबों के कल्याण के लिए काम करने में विफल रही हैं. उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस एकमात्र पार्टी है जो दलितों की जमीनों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है. हम ओडिशा में और कहीं भी आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा करेंगे.’ यह भी पढ़ें- किसानों ने लगाया राहुल पर जमीन हड़पने का आरोप, कहा- 'इटली वापस जाओ' यह 10 दिन के अंदर राहुल गांधी का दूसरा ओडिशा दौरा है जहां विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ में होने हैं. गांधी ने 25 जनवरी को भुवनेश्वर में एक रैली को संबोधित किया था. मोदी सरकार ने उद्योगपतियों का लोन माफ किया, किसानों का का नहीं बीजेपी और बीजेडी पर जोरदार हमला बोलते हुए गांधी ने कहा कि दोनों पार्टियां अपने उद्योगपति दोस्तों के फायदे के लिए काम कर रही हैं, वहीं किसानों और गरीबों की अनदेखी कर रही हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 15 उद्योगपतियों का 3.5 लाख करोड़ रुपए का लोन माफ कर दिया लेकिन किसानों का कर्ज माफ नहीं किया. कांग्रेस अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार ने अपने वादे के बावजूद किसानों को उनके उत्पाद के उचित दाम नहीं दिलाए. नवीन पटनायक ने ओडिशा में किसानों के फायदे के लिए काम नहीं किया. गांधी ने कहा कि छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान में सत्ता में आने के दो दिन के भीतर इन राज्यों में कांग्रेस की सरकारों ने कृषि लोन माफ कर दिया. यह भी पढ़ें- अमेठीः साइकिल कंपनी बंद होने के बाद राजीव गांधी ट्रस्ट को दे दी गई किसानों की जमीन उन्होंने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘चौकीदार भ्रष्ट है.' उन्होंने नवीन पटनायक पर चिटफंड घोटालों के लिए रिमोट से चलने का आरोप भी लगाया. गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने फैसला किया है कि अगर भूमि अधिग्रहण के पांच साल के अंदर परियोजना शुरू नहीं हो पाती तो उद्योग लगाने के लिए ली गई जमीनें किसानों को लौटा दी जाएंगी. उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में इस दिशा में काम शुरू हो चुका है.

from Latest News अभी अभी Firstpost Hindi Read Full Article
via Firstpost Rss

Click to comment