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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा है कि पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर किए हवाई हमले मिलिट्री एक्शन नहीं थे. पाकिस्तान में किसी मिलिट्री इंस्टालेशन पर हमले नहीं किए गए. हवाई हमलों का मकसद जैश ए मोहम्मद के आतंकी संगठन के इंफ्रास्ट्रक्चर को खत्म करना था. भारत अब तनाव को बढ़ाना नहीं चाहता और पूरी जिम्मेदारी से काम करेगा. सुषमा स्वराज ने कहा कि जैश के आतंकी भारत में आतंकी घटनाएं करने वाले थे. इस जानकारी के बाद उनके ठिकानों पर हमले किए गए. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज चीन के विदेश मंत्री के साथ मुलाकात के दौरान ये बातें कहीं. विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को चीन के विदेश मंत्री वांग यी के साथ हुई मुलाकात में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में हुए आतंकवादी हमले का मुद्दा उठाया. रूस-भारत-चीन के विदेश मंत्रियों की बैठक से अलग हुई इस मुलाकात के दौरान स्वराज ने कहा,‘मैं ऐसे वक्त में चीन आई हूं जब भारत में शोक और गुस्से का माहौल है. यह जम्मू-कश्मीर में हमारे सुरक्षा बलों के खिलाफ सबसे भीषण हमला है.’ उन्होंने कहा, ‘यह हमला पाकिस्तान स्थित और समर्थिक संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने किया है.’ गौरतलब है कि 14 फरवरी को आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे. वहीं मंगलवार, 26 फरवरी को तड़के भारत ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर को तबाह कर दिया, जिसमें लगभग 350 आतंकवादी और उनके प्रशिक्षक मारे गए. पाकिस्तान ने पुलवामा आतंकी हमले के बाद इन आतंकवादियों को उनकी सुरक्षा के लिए इस शिविर में भेजा था. भारतीय वायुसेना का यह हमला तेज और सटीक था. इसकी जानकारी देते हुए कि जैश-ए-मोहम्मद संयुक्त राष्ट्र और अन्य देशों द्वारा प्रतिबंधित संगठन है, स्वराज ने वांग से कहा कि ‘यह आतंकवादी हमला पाकिस्तान की ओर से जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेताओं को मिलने वाली माफी तथा समर्थन का सीधा परिणाम था.’ उन्होंने कहा,‘पुलवामा हमले के बाद पूरे संयुक्त राष्ट्र ने एक स्वर में इसकी निंदा की.’ मंगलवार सुबह यहां पहुंची स्वराज ने वांग से कहा कि 2019 में यह उनकी पहली बैठक है और ऐसे में यह द्विपक्षीय संबंधों की समीक्षा करने और सहयोग को आगे बढ़ाने के लिहाज से दोनों पक्षों के लिए सही समय है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की वुहान में हुई वार्ता का हवाला देते हुए स्वराज ने कहा कि ‘हमारे संबंधों में ठोस प्रगति हुई है.’ उन्होंने वांग से कहा कि यह दोनों पक्षों के लिए आवश्यक है कि वे अपने नेताओं द्वारा तय दिशा-निर्देशों का सही तरीके से पालन करें. दोनों नेताओं ने प्रयास किया और हमें उसे जारी रखना चाहिए.
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