क्लासिक कहानियों को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जिम्मेदार हमारी: गुलजार

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महान फिल्मकार सत्यजीत रे के दादा उपेन्द्रकिशोर राय चौधरी की मूल कहानी पर 50 साल पहले बनी बांग्ला फिल्म ‘गोपी गायेन बाघा बायेन’ का एनिमेटेड वर्जन ‘गोपी गवैया, बागा बजैया’ 3D के साथ 1 मार्च को रिलीज की जा रही है। इस फिल्म का निर्देशन शिल्पा रानाडे ने किया है। बांग्ला भाषा में गोपी गायने बाघा गायने की मौलिक कहानी सत्यजीत रे के दादाजी उपेंद्रकिशोर रे चौधरी ने लिखी थी। हाल में फिल्म 'जीजीबीबी' यानि 'गोपी गवैया बाघा बजैया' देखने के बाद गुलजार ने इस फिल्म के बारे में मीडिया से बातचीत की।

 

क्लासिक कहानियों को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जिम्मेदार हमारी: गुलजार

फिल्म देखने के बाद गुलज़ार ने कहा, 'मैंने कराड़ी टेल्स के लिए कई गीत और किताबें लिखीं हैं और मैं जीजीबीबी की निर्देशक शिल्पा को देश की सबसे अच्छी इलस्ट्रेटर और ऐनिमेटर मानता हूं। शिल्पा ने फिल्म को अपने ही अनूठे अंदाज में बयां किया है और इस फिल्म को शांति के दूत की तरह पेश किया है। फिल्म के लिए इससे अच्छी कोई और बात नहीं हो सकती थी। इस तरह की क्लासिक कहानियों को हमारी अलगी पीढ़ियों तक पहुंचाना बेहद जरुरी है। मुझे पूरी उम्मीद है ये फिल्म ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी और इसे खूब सराहना भी मिलेगी। '

 

क्लासिक कहानियों को अगली पीढ़ियों तक पहुंचाने की जिम्मेदार हमारी: गुलजार

'जीजीबीबी' सत्यजीत रे की 'गोपी गायने बागा बायने' से प्रेरित ऐनिमेशन फिल्म है जो आज से ठीक 50 साल पहले रिलीज हुई थी। सत्यजीत रे ने 50 साल पहले ये फ़िल्म अपने परदादा उपेंद्रकिशोर राय द्वारा तकरीबन 100 साल पहले लिखी कहानी पर बनाई थी। उल्लेखनीय है कि गुलज़ार द्वारा लिखी कहानी के इलेस्ट्रेशन के दौरान शिल्पा इसपर एक ऐनिमेशन फिल्म बनाने के लिए प्रेरित हुईं थीं।



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