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बॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्री श्रीदेवी (Sridevi) की आज पहली पुण्यतिथी (Sridevi first death Anniversary) है। 24 फरवरी 2018 को दुबई के होटल में उनका निधन हो गया था। श्रीदेवी दुबई में एक शादी में शरीक होने गई थीं। होटल के बाथटब में डूबने से उनकी मौत हो गई थी। हालांकि उनके शव को दुबई से भारत लाने में समय लग गया था। उनके पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शनों के लिए 27 फरवरी तक का इंतजार करना पड़ा था। उनके पार्थिव शरीर को भारत लाने में दुबई में रहने वाले भारतीय अशरफ थामरासैरी ने काफी मदद की थी।

अशरफ मूलतः केरल से हैं। वह बीते कई साल से दुबई में अपनी फैमिली के साथ रह रहे हैं। श्रीदेवी के निधन के बाद अशरफ ने एक इंटरव्यू में कहा था,'मेरे लिए सब लोग बराबर हैं। दुबई में यदि किसी की कमरे में मौत होती है तो उसे पहले अस्पताल ले जाया जाता है। इससे फर्क नहीं पड़ता कि आप अमीर हो या गरीब।' बताया जाता है कि अशरफ उन लोगों की मदद करते हैं जिनकी मौत किसी कारणवश यूएई में हो जाती है। इसके पीछे इनका मकसद सिर्फ लोगों की दुआएं लेना है। इसका साथ ही उन लोगों की मदद करना है जो यहां की प्रक्रियाएं नहीं जानते। बता दें कि श्रीदेवी की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने में लगभग लगभग दो दिन लग गए थे।
4700 शवों को पहुंचाने में की मदद:
अशरफ अब तक 4700 शवों को भारत पहुंचा चुके हैं। दुबई के एक अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, अशरफ 38 देशों के लगभग 4700 से ज्यादा शवों को उनके देश वापस पहुंचाने में मदद कर चुके हैं। रिपोर्ट में बताया गया था कि अशरफ ने उसी दिन श्रीदेवी के अलावा चार और परिवारों की भी मदद की थी।

दुल्हन की तरह सजाया गया था श्रीदेवी के शव को:
भारत लाने के बाद श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले दुल्हन की तरह सजाया गया था। साथ ही उनके शरीर को पसंदीदा सफेद फूलों से सजाया गया। उनकी मांग में सिंदूर भी भरा गया था।
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