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राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज बाजपेई का कहना है कि फिल्मोद्योग में बने रहने के लिए मोटी चमड़ी विकसित करने की जरूरत होती है। मनोज ने कहा, 'हमें फिल्म उद्योग में बने रहने के लिए मोटी चमड़ी की जरूरत होती है। मैंने यहां काफी वक्त बिताया है, और महसूस किया है कि यहां सफलता के साथ दोस्त बनते हैं और कठिन दिनों वे साथ नहीं देते हैं।'
अभिनेता ने शुक्रवार को यह बात सिंटा के महासचिव और अभिनेता सुशांत सिंह के साथ ऐक्ट फेस्ट में चर्चा सत्र के दौरान कही। अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए 'अलीगढ़' के अभिनेता ने कहा, "मेरे एक दोस्त ने मुझे अपनी फिल्म के प्रीमियर में बुलाया था, जहां फोटोग्राफर सेलेब्रिटीज की तस्वीरें ले रहे थे। लेकिन मुझे देखकर एक फोटोग्राफर ने कहा था, 'वह महत्वपूर्ण नहीं है, उसकी फोटो मत लो।"'
उन्होंने कहा, 'और उस वक्त मैंने सोचा था कि 'जब मेरी फिल्म हिट होगी, तो लोग मेरे पास आएंगे और मेरी तस्वीरें खीचेंगे।' मैं असफलता को अपने ऊपर असर डालने नहीं देता। अभिनेता ने जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले पर दुख जताया और कहा, "हम कल्पना भी नहीं कर सकते कि शहीदों के परिवारों पर क्या बीत रही होगी।'
ऐक्टफेस्ट का आयोजन सिंटा (सिने एंड टीवी आर्टिस्ट एसोसिएशन) ने किया है, जिसमें लोकप्रिय कलाकार बहस, कार्यशालाओं में भाग लेंगे और फिल्म के विभिन्न पहलुओं पर व्याख्यान देंगे, और चर्चा करेंगे।
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