लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में
भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा हालात के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह दोनों मुल्क मई में शुरू हो रहे आईसीसी विश्व कप में एक दूसरे के खिलाफ खेलेंगे! इससे भी अहम सवाल है कि क्या भारत सरकार पाकिस्तान की मौजूदगी में टीम इंडिया को वर्ल्ड कप में खेलने की इजाजत देगी! सैन्य कार्रवाई के अलावा भारत सरकार की रणनीति पाकिस्तान को हर क्षेत्र में कुटनीतिज्ञ स्तर पर अलग-थलग करने की है और इसमें अब क्रिकेट काफी हो गया. सरकार ने फैसला किया है कि वह पाकिस्तान को आतंकवादियों को बढ़ावा देने वाले मुल्क के रूप में पेश करने के लिए हर जरिए का इस्तेमाल करेगी. इस लिहाज से क्रिकेट भी उसका एक कारगर हथियार रहेगा. भारतीय क्रिकेट बोर्ड को चला रही सुप्रीम कोर्ट की प्रशासकों की कमेटी ने विश्व कप में पाकिस्तान के साथ खेलने या ना खेलने का फैसला सरकार पर छोड़ दिया है. सभी को मालूम है कि भारत में क्रिकेट के क्या मायने हैं और क्रिकेट को चाहने वाली आबादी का दायरा कितना बड़ा है. पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों के नरसंहार के बाद देश में जो माहौल बना है, उसमें पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेलने की कोई गुंजाइश नहीं बची है. बोर्ड के सूत्रों के अनुसार सरकार ने संकेत दिए हैं कि अभी इस बारे में कोई बात करने का कोई तुक नहीं है. मौजूदा परिस्थितियों के अनुसार बोर्ड पर इस बात का प्रेशर बनाने की कोशिश करेगा कि पाकिस्तान को विश्व कप से हटाया जाए. लेकिन इसके लिए उसके विश्व कप में खेल रही बाकी टीमों को भी संतुष्ट करना होगा कि पाकिस्तान के खिलाफ उसकी मांग जायज क्यों है! साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ विश्व कप में अभियान से भारत के लिए अपनी बात विश्व स्तर उठाने का एक और बड़ा मौका होगा. अगर बाकी देश भारत के साथ नहीं भी खड़े होते हैं तो उसका आतंकवाद से जंग के कारण विश्व कप के हटने का फैसला पूरी दुनिया के लिए एक बड़ी खबर बनेगा. लगता नहीं है कि भारत सरकार इस मौके को गंवाएगी. क्योंकि मामला जनभावनाओं का है, अगर ऐसी स्थिति बनती है तो बोर्ड के पास इस स्थिति को स्वीकार करने के सिवाय कोई चारा नहीं होगा. शूटिंग विश्व कप में दो पाकिस्तान निशानेबाजों का मामला ताजा है लेकिन इससे पहले बाकी कई स्पर्धाओं के लिए भारत लगातार पाकिस्तानी खिलाड़ियों को वीजा देता आया है. क्रिकेट के साथ यह स्थिति नहीं है. सरकार ने कभी भी दोनों देशों के बीच आपसी क्रिकेट को लेकर अपनी सहमति नहीं दी. भारत और पाकिस्तान के बीच समझौते के तहत टीम इंडिया को पाकिस्तान के साथ उसके घर पर सीरीज खेलनी थी. जाहिर है कि पाकिस्तान में ऐसे हालात नहीं है कि भारतीय टीम वहां का दौरा कर सके. यह सीरीज संयुक्त अरब अमीरात में खेलने का प्रस्ताव आया लेकिन सरकार ने उसे भी अपनी मंजूरी नहीं दी. सरकार का मत साफ है कि आतंकवाद और क्रिकेट एक साथ नहीं हो सकते. पुलवामा में आत्मघाती हमले और उसके जवाब में भारतीय वायुसेना के पाकिस्तान में घुस कर जबावी कार्रवाई के बाद यह मत और मजबूत हुआ है. ऐसे में अगर भारतीय टीम पाकिस्तान के रहते विश्व कप खेलने से इनकार कर देती है तो किसी को हैरानी नहीं होनी चाहिए.
from Latest News अभी अभी Firstpost Hindi Read Full Article
via Firstpost Rss