कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने कहा- दलित होने के कारण नहीं बन सका सीएम

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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री जी परमेश्वर ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी में कुछ लोग दलितों को ऊपर उठने से रोक रहे हैं. उन्होंने रविवार को कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री का पद देने से तीन बार मना किया गया क्योंकि वह दलित समुदाय से थे. परमेश्वर के इस बयान से कांग्रेस को पसोपेश में डाल दिया है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने यह कहते हुए पल्ला झाड़ने की कोशिश कि उन्हें इस बयान का संदर्भ नहीं पता. दावणगेरे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए दलित नेता और उपमुख्यमंत्री परमेश्वर ने कहा, 'बसवलिंगप्पा मुख्यमंत्री नहीं बन पाए और केएच रंगनाथ के साथ भी ऐसा ही हुआ.' कांग्रेस नेता ने कहा, 'हमारे बड़े भाई मल्लिकार्जुन खड़गे भी मुख्यमंत्री नहीं बन सके. मैं खुद इससे तीन बार वंचित रह गया. कुछ मुश्किलों के बाद उन्होंने मुझे उप मुख्यमंत्री बनाया.' परमेश्वर ने आरोप लगाया कि कुछ लोग उन्हें राजनीतिक रूप से दबाना चाहते हैं. परमेश्वर ने कहा कि दलित नेताओं को सीएम बनने का मौका नहीं दिया गया. सरकार के स्तर पर भी दलितों के साथ भेदभाव होता है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैसे तो आरक्षण की व्यवस्था की गई, लेकिन प्रोमोशन में आज भी भेदभाव होता है. सात सरकारी अधिकारियों के बारे में सूचना मिली है, जिन्हें डिमोट कर दिया गया और उन्होंने आत्महत्या कर ली. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने अगले हफ्ते से ही प्रोमोशन में आरक्षण का नियम लागू करने जा रही है. परमेश्वर के इस बयान को लेकर कांग्रेस सिद्धारमैया ने कहा, 'कांग्रेस पार्टी ही दलितों और समाज के दूसरे वंचित तबकों का ख्याल रखती है. मुझे नहीं पता कि उन्होंने किस संदर्भ में इस तरह का बयान दिया है.' यह पहली बार नहीं है जब परमेश्वर अपने विवादित बयान को लेकर सुर्खियों में आए हैं. पिछले साल मई में उन्होंने कहा था कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अगले पांच सालों तक मुख्यमंत्री बने रह पाएंगे या नहीं यह अभी तय नहीं है. यह बातें उन्होंने विश्वास मत पर मतदान से एक दिन पहले कही थी. (साभार न्यूज18)

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