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पूर्व केंद्रीय मंत्री एसएम कृष्णा ने शनिवार को बड़ा खुलासा किया. उन्होंने कहा, मैं 3.5 साल तक विदेश मंत्री था. उस समय राहुल गांधी कुछ नहीं थे. वह पार्टी के महासचिव भी नहीं थे. लेकिन उन्होंने यह कहा कि जो लोग 80 के हो गए हैं वह मंत्री नहीं बन सकते. जब मैंने यह सुना तो अपना इस्तीफा बंगलूरू में सौंप दिया. कृष्णा ने कहा, 'मंत्रियों के मामलों में भी ध्यान नहीं दिया गया. कैबिनेट में अध्यादेश पास करने को लेकर चर्चा हो रही थी लेकिन राहुल गांधी ने अध्यादेश की कॉपी फाड़ दी. इसे वे अतिरिक्त संवैधानिक अथॉरिटी मानते हैं.' कृष्णा ने यह भी कहा कि राहुल गांधी किसी के लिए उत्तरदायी नहीं थे. न वे संसद के लिए उत्तरदायी थे और न ही सरकार के लिए. जिस अध्यादेश पर उन्होंने निर्णय लिया वह जरूरी था. Former Union Minister SM Krishna: He (Rahul Gandhi) was not answerable to anyone - neither Parliament nor governance. He took decisions on which ordinance was necessary and struck down others. (09.02.2019) https://t.co/xWQ11Ecgsu — ANI (@ANI) February 10, 2019 गौरतलब है कि कृष्णा कांग्रेस छोड़ने के बाद बीजेपी में शामिल हो गए थे. हालांकि वह सक्रिय राजनीति में तो नहीं रहे लेकिन उन्होंने पिछले विधानसभा चुनावों में कर्नाटक के कांग्रेस नेता सिद्धारमैया के खिलाफ प्रचार किया था. हालांकि कृष्णा के बयान के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. कांग्रेस नेता दिनेश गुंडू राव ने कहा कि एसएम कृष्णा का राहुल गांधी पर बयान सुनने के बाद कृष्णा के लिए जो एक फीसदी सम्मान था वो भी खत्म हो गया. राव ने कहा कि राजनीति में इस कद के आदमी का ऐसी बातें करना बकवास है. पता नहीं वह ऐसा क्यों कह रहे हैं. ये भी पढ़ें: Gujjar Reservation: आरक्षण की मांग के लिए तीसरे दिन भी जारी गुर्जर आंदोलन, 26 ट्रेनें रद्द ये भी पढ़ें: J&K: कुलगाम में मुठभेड़ में पांच आतंकी ढेर, हथियार और गोला-बारूद बरामद
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