क्लाइव लॉयड के लिए क्यों खास है पहले वर्ल्ड कप की खिताबी जीत

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वेस्टइंडीज को दो बार विश्व चैंपियन बनाने वाले पूर्व कैरेबियाई कप्तान क्लाइव लॉयड के दिमाग में अब भी पहले क्रिकेट महासमर की खिताबी जीत की यादें ताजा हैं जिसमें उन्होंने तूफानी शतक जड़ा था. विश्व कप 2019 के शुरू से में अब केवल 100 दिन का समय बचा है और मंगलवार को इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिये लायड लंदन में थे. इस कार्यक्रम में वैसे नासिर हुसैन, ग्रीम स्वान, एलिस्टेयर कुक और जेम्स एंडरसन भी उपस्थित थे लेकिन इनमें से केवल लॉयड ही जानते हैं कि विश्व कप विजेता बनने का मतलब क्या होता है. उनकी अगुवाई में वेस्टइंडीज ने 1975 और 1979 में खिताब जीता था. लॉयड ने एएफपी से कहा, ‘यह पहला विश्व कप था और अब कभी पहला विश्व कप नहीं होगा तथा वेस्टइंडीज के कई समर्थकों के सामने उसे जीतना रोमांचकारी था.’ वर्तमान समय के बल्लेबाज अमूमन वनडे में हर गेंद पर रन बनाने का स्ट्राइक रेट चाहते हैं लेकिन लॉयड ने 1975 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ फाइनल में केवल 85 गेंदों पर 12 चौकों और दो छक्कों की मदद से 102 रन ठोक दिए थे. उन्होंने यह पारी तब खेली थी जबकि पहले बल्लेबाजी का न्यौता पाने वाले वेस्टइंडीज का स्कोर तीन विकेट पर 50 रन था. लॉयड ने यह पारी ऑस्ट्रेलिया के उस आक्रमण के सामने बनाई थी जिसमें डेनिस लिली और जैफ थामसन जैसे घातक गेंदबाज और स्विंग गेंदबाज गैरी गिलमर शामिल थे. लॉयड ने रोहन कन्हाई के साथ 149 रन की साझेदारी की जिससे वेस्टइंडीज ने 60 ओवरों में आठ विकेट पर 291 रन बनाए जो उस समय बहुत बड़ा स्कोर माना जाता था. लॉयड ने कहा, ‘मैंने शतक लगाया था, मुझे याद है मैंने 102 रन बनाए थे लेकिन जब मैंने क्रीज पर कदम रखा तब हमारे तीन विकेट गिर चुके थे और हमारी हालत नाजुक थी. रोहन कन्हाई और मैंने परिस्थिति के अनुरूप बल्लेबाजी की और फिर मजबूत स्कोर बनाया.’

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