प्रशांत भूषण को CBI मामले में ट्वीट करना पड़ा भारी, सुप्रीम कोर्ट ने मांगा जवाब

advertise here
Read Full Article from Here

लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल और केंद्र सरकार की ओर से दायर मानहानि याचिका पर वकील प्रशांत भूषण से जवाब मांगा है. इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर कथित तौर पर कुछ विवादित ट्वीट के लिए जानेमाने वकील प्रशांत भूषण पर अवमानना की कार्यवाही शुरू करने की मांग की थी. दरअसल, भूषण ने पिछले दिनों कुछ ट्वीट किए थे जिसके बारे में केंद्र की दलील है कि वे एम नागेश्वर राव की सीबीआई के अंतरिम निदेशक के तौर पर नियुक्ति से जुड़े लंबित मामले में गलत बयान देने जैसे हैं. Supreme Court issues notice to advocate Prashant Bhushan on contempt plea filed by Attorney General KK Venugopal and Centre that Bhushan in his tweets said that AG Venugopal 'wilfully&deliberately' made false statement in a case pending in court. Next date of hearing is March 7. — ANI (@ANI) February 6, 2019 कुछ दिनों पहले अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने भी कथित ट्वीटों के लिए भूषण के खिलाफ ऐसी ही अवमानना की याचिका दाखिल की थी. अवमानना की याचिका में भूषण के एक फरवरी के बयानों का हवाला दिया गया था. भूषण ने एक फरवरी को ट्वीट कर कथित रूप से कहा था कि ऐसा जान पड़ता है कि सरकार ने शीर्ष अदालत को गुमराह किया और शायद, प्रधानमंत्री की अगुवाई वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति (हाई पॉवर सेलेक्शन कमिटी) की बैठक का मनगढंत विवरण पेश किया. वेणुगोपाल ने अपनी याचिका में कहा कि भूषण ने जानबूझकर अटॉर्नी जनरल की सत्यनिष्ठा और ईमानदारी पर संदेह प्रकट किया. अटॉर्नी जनरल ने ही एक फरवरी को सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के समक्ष उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति की बैठक का ब्योरा दिया था. एक फरवरी को सुनवाई के दौरान वेणुगोपाल ने जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ के सामने सीलबंद लिफाफे में चयन समिति की बैठक का ब्योरा रखा था. यह बैठक नए सीबीआई प्रमुख की नियुक्ति के लिए पिछले महीने हुई थी. वेणुगोपाल ने पीठ को बताया था कि केंद्र ने राव को अंतरिम सीबीआई निदेशक नियुक्त करने के लिए समिति की अनुमति ली थी. चयन समिति में प्रधानमंत्री, सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता और चीफ जस्टिस या उनके द्वारा नामित शीर्ष अदालत के जज होते हैं.

from Latest News अभी अभी Firstpost Hindi Read Full Article
via Firstpost Rss

Click to comment