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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने झारखंड हाईकोर्ट से चारा घोटाले के देवघर कोषागार (ट्रेजरी) से अवैध निकासी के मामले में सजायाफ्ता बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की सजा बढ़ाने की मांग की है. जांच एजेंसी ने लालू की सजा को साढ़ तीन साल से बढ़कर उसे सात साल करने की मांग की है. सीबीआई ने लालू के अलावा दोषी करार दिए गए पांच अन्य मुजरिमों की सजा भी बढ़ाकर इतनी ही करने की मांग की है. शुक्रवार को हाईकोर्ट के जज आर शंकर की पीठ ने लालू यादव सहित छह अन्य मुजरिमों की सजा को बढ़ाने की मांग वाली सीबीआई की इस याचिका को दूसरी संबद्ध पीठ में भेजने का निर्देश दिया. यह मामला जस्टिस आर शंकर की पीठ के सामने सुनवाई के लिए सूचीबद्ध (लिस्टेड) था, लेकिन सुनवाई के दौरान अदालत ने इस मामले को संबद्ध पीठ में भेज दिया. देवघर ट्रेजरी अवैध निकाषी मामले में CBI ने की दो याचिकाएं दाखिल बता दें कि सीबीआई ने चारा घोटाले मामले में दो अक्टूबर, 2018 में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की थीं. पहली याचिका में लालू यादव समेत अन्य आरोपियों की सजा को अपराध की तुलना में बेहद कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की गई है. वहीं दूसरी याचिका में सीबीआई ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्रा समेत बरी किए गए अन्य लोगों को सजा देने की मांग की है. [caption id="attachment_82059" align="alignnone" width="1002"] झारखंड हाईकोर्ट[/caption] निचली अदालत ने चारा घोटाले के केस संख्यात आरसी 64-ए देवघर ट्रेजरी मामले में 89.4 लाख रुपए की अवैध निकासी के मामले में लालू यादव समेत सात अभियुक्तों पर हायर कांसपेरेसी, बड़ी साजिश रचने का चार्ज लगाया था. इसके लिए एक अभियुक्त जगजीत शर्मा को सात साल की सजा सुनाई गई थी. जबकि लालू यादव समेत छह अभियुक्तों को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपए का जुर्माना लगाया था. सीबीआई अब इन सभी छह अभियुक्तोंम की सजा को कम बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की है. उसका कहना है कि एक समान चार्ज के लिए एक अभियुक्त को सात साल की सजा मिली, तो बाकी छह अभियुक्तों को भी उतनी ही सजा मिलनी चाहिए. (भाषा से इनपुट)
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