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जेएनयू देशद्रोह मामले में दिल्ली पुलिस के रवैये की निंदा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि मामले का अध्ययन किया जा रहा है. पुलिस ने आरोपपत्र दायर करने के लिए तीन साल का समय लिया और फिर बिना इजाजत चुनाव से पूर्व इसे दायर कर दिया. दिल्ली पुलिस का यह कदम कई सवाल खड़े करता है. बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली पुलिस को चार्जशीट पेश करने की इजाजत अभी तक नहीं दी है. Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal on 2016 JNU sedition case: The case is being studied by the government Police took three years to file the chargesheet and filed it without permission ahead of elections so it raises many questions. pic.twitter.com/D8Nyxua0LS — ANI (@ANI) February 7, 2019 कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली पुलिस से कहा कि वो वो संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द मंजूरी देने को कहें. पुलिस ने कोर्ट को बताया कि मंजूरी दिल्ली सरकार की ओर से लंबित है और कुछ ही दिनों में हासिल कर ली जाएगी. इस पर कोर्ट ने कहा, 'अधिकारी लंबे समय तक फाइल अटकाकर नहीं रख सकते.' कोर्ट ने इससे पहले दिल्ली पुलिस से इजाजत हासिल किए बिना कुमार और अन्य के खिलाफ आरोप-पत्र दायर करने को लेकर सवाल किए थे और उन्हें छह फरवरी तक का समय दिया था. पुलिस ने 14 जनवरी को कुमार और जेएनयू के पूर्व छात्रों- उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ शहर की एक अदालत में आरोप-पत्र दायर किया था. इसमें कहा गया था कि कुमार ने संसद पर हमले के मास्टरमाइंड अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय में नौ फरवरी 2016 को रखे गए एक कार्यक्रम के दौरान सभा की अगुवाई की थी और उसने देश विरोधी नारेबाजी का समर्थन किया था.
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