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भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों अनुसार, कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को अगवा करने वाला आतंकी मुल्ला उमर इरानी आतंकी संगठन जैश-ए-अद्ल से ताल्लुक रखता था. कहा जाता है कि ये आतंकी संगठन पाकिस्तानी फौज का करीबी है. जाधव को ईरान के चाबहार पोर्ट से लगभग 52 किलोमीटर दूर सरबज शहर से अगवा कर इरानी ने उसे पाक सेना को सौंप दिया था. पाकिस्तान ने जाधव पर भारतीय जासूस होने का आरोप लगाया है. वहीं ये खबर पाकिस्तान के इस आरोप का भी खंडन करती है. जैश-ए-अद्ल पर आरोप लगते रहे हैं कि इसे ईरान स्थित पाकिस्तानी दूतावास से फंड मिलता है. यह जमात-उद-दावा और लश्कर-ए-खुराशन के साथ मिलकर आतंक फैलाता है. जाधव के अपहरण की बात ऐसे समय पर सामने आई है. जब पाकिस्तान ने जाधव का एक नया वीडियो जारी किया है. इस वीडियो के जरिए पाकिस्तान दुनिया के सामने ये दिखाना चाहता है कि वो उसकी जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के साथ अच्छा व्यवहार कर रहा है. इस वीडियो में जो चीज सबसे हैरान करने वाली है, वो ये है कि जाधव ने भारतीय राजदूत पर ही उसके परिवार को धमकाने का आरोप लगाया है. पाकिस्तान ने जाधव को सुनाई है मौत की सजा जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई है. यह मुद्दा अब दोनों देशों के बीच विवाद का मुद्दा बन गया है. पाकिस्तान का दावा है कि साल 2016 में 3 मार्च को बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों द्वारा जाधव को गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान के मुताबिक जाधव रॉ से संबद्ध एक जासूस हैं. वहीं भारत का कहना है कि जाधव एक पूर्व नौसेना अधिकारी हैं. सेवानिवृत्त होने के बाद वह अपना कारोबार कर रहे थे. भारत का दावा है कि जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान को सौंपा गया है.
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