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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले में अब एक नया मोड़ आया है. सुप्रीम कोर्ट ने मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामले की सुनवाई पटना से दिल्ली के साकेत POCSO कोर्ट में स्थानांतरित कर दी है. कोर्ट ने न्यायाधीश को 2 सप्ताह में मुकदमा शुरू करने और 6 महीने के अंदर इसे पूरा करने का आदेश दिया है. इससे पहले बिहार के मुजफ्फरपुर शेल्टर होम में 34 बच्चियों के साथ दरिंदगी किए जाने के मामले की सुनवाई कर रही विशेष पॉक्सो अदालत ने दो आरोपियों की हिरासत अवधि बढ़ाने की सीबीआई की मांग को खारिज कर दिया था. साथ ही अदालत ने दोनों आरोपियों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था. Supreme Court transfers the trial of Muzaffarpur shelter home case to Saket POCSO Court, Delhi from Patna. The Court has ordered the judge to commence the trial in 2 weeks and complete it within a period of 6months. pic.twitter.com/qqu2yrJwBb — ANI (@ANI) February 7, 2019 बच्चियों के यौन शोषण का मामला जून 2018 में सामने आया था बता दें कि सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त उक्त बालिका गृह का संचालन बृजेश ठाकुर की स्वयंसेवी संस्था 'सेवा संकल्प विकास समिति' करती थी. मुंबई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज द्वारा सामने लाए गए एक रिपोर्ट में मुजफ्फरपुर के शेल्टर होम में बच्चियों के यौन शोषण का मामला जून 2018 में सामने आया था. मामला सामने आने के बाद राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ने लगा, जिसके बाद 26 जुलाई, 2018 को राज्य सरकार ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी थी. वहीं ब्रजेश से अपने पति चंद्रशेखर वर्मा की निकटता को लेकर बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को अगस्त 2018 में इस्तीफा देना पड़ा था. चंद्रशेखर और मंजू ने नवंबर 2018 में आत्मसमर्पण कर दिया था आर्म्स ऐक्ट के एक मामले में चंद्रशेखर और मंजू ने नवंबर 2018 में अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया था. तभी से दोनों जेल में बंद हैं. मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीड़न मामले में सीबीआई ने मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर सहित 21 आरोपियों के खिलाफ विशेष पॉक्सो कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में गंभीर आरोप लगाए हैं. इसके अनुसार लड़कियों को गंदे भोजपुरी गानों पर डांस कराया जाता था. उन्हें नशे की सुई और दवा देकर सुला दिया जाता था. सोने के बाद उनके साथ दुष्कर्म किया जाता था. चार्जशीट में इस बात का साफ जिक्र है कि बालिका गृह में रोज ब्रजेश ठाकुर की महफिल सजती थी.
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