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पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) पर दिए अपने बयान की वजह से पंजाब के मंत्री और कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू विवादों में घिरे हुए हैं. सिद्धू पर न सिर्फ विपक्ष हमला बोल रहा है बल्कि उन्हें अपनी पार्टी में भी चौतरफा आलोचना झेलना पड़ रहा है. हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सिद्धू का बचाव किया है. कैप्टन ने कहा, 'हर किसी को अपने मन की बात कहने का हक है. यह सिद्धू के ऊपर है कि वो इस मामले में किस तरह से अपना मत रखते हैं.' अमरिंदर सिंह ने कहा, 'सिद्धू को इस बात का एहसास हो गया होगा कि वो अपनी पाकिस्तान यात्रा के बाद ही बाहर हो गए थे.' उन्होंने कहा कि सिद्धू एक क्रिकेटर हैं जबकि मैं एक सैनिक रह चुका हूं. किसी मुद्दे पर हम दोनों की राय अलग-अलग हो सकती है. अपने बयान में उन्होंने यह भी कहा कि सिद्धू पुलवामा हमले पर अपना रुख स्पष्ट करें. मुख्यमंत्री ने कहा, 'सिद्धू रक्षा संबंधी पेचीदगियों को नहीं समझते हैं और वो मित्रवत (दोस्ताना) मंशा से अपनी बात कहते हैं. सिद्धू के इरादे निश्चित तौर पर राष्ट्र विरोधी नहीं थे और उन्हें इसका संदेश मिल गया होगा.' बता दें कि 14 फरवरी को पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के काफिले पर हुए आतंकवादी हमले के बाद सिद्धू ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की ओर से किए गए कायराना हमले की निंदा तो की थी लेकिन खून-खराबा खत्म करने का स्थाई समाधान तलाशने के लिए बातचीत की पैरवी भी की थी. सिद्धू ने तब पाकिस्तान का बचाव करते हुए अजीबोगरीब बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि आतंकवाद का कोई देश नहीं होता. आतंकियों का कोई मजहब नहीं होता. सिद्धू ने पुलवामा आतंकी हमले को कायरतापूर्ण कार्रवाई करार दिया और इस घटना की निंदा की. उन्होंने कहा कि जो भी लोग इस आतंकी हमले के लिए जिम्मेदार हैं उन पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए. सिद्धू के इस बयान की चौतरफा आलोचना हुई थी. सोमवार को पंजाब विधानसभा में भी उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग उठी थी.
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