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हमारे देश में केवल 7 % लोग पीछे की सीट पर बैठकर सीट बेल्ट लगाते हैं. हैरानी की बात है कि 70 फीसदी लोगों को यह पता है कि रियर सीट बेल्ट उपलब्ध है. हाल ही में जारी निसान-सेव लाइफ फाउंडेशन की सर्वे रिपोर्ट के यह आंकड़े चौंकाने वाले है. MoRTH के आंकड़ों के अनुसार, अकेले वर्ष 2017 में, सीट बेल्ट ना लगाने से भारत में 26,896 लोग मारे गए. 2016 के मुकाबले 2017 में मारे गए लोगों की संख्या बहुत ज्यादा रही. 2016 में सीट बेल्ट ना पहनने से 5,638 मौतें सड़क दुर्घटना में हुई थीं. 2017 में, सरकारी आंकड़ों के अनुसार सीट बेल्ट का उपयोग न करने के कारण 16,876 यात्रियों की मौत और 31,421 यात्री घायल हो गए थे. जबकि सीट-बेल्ट न पहनने के कारण मारे गए ड्राइवरों की कुल संख्या 10,020 है. देश के कई शहरों जैसे दिल्ली, बेंगलुरु, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बड़ौदा, पुणे या पूना, भुवनेश्वर, हैदराबाद, चंड़ीगढ़ आदि में सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जा रहा है. इसके तहत सड़क सुरक्षा संबंधित कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. इसी क्रम में निसान के इंडिया के प्रेसिडेंट थॉमस कुहेल ने कहा की 'जहां एक ओर भारत में सड़क सुरक्षा के लिए कई पहलें की जा रही हैं, वहीं दूसरी ओर रियर सीट बेल्ट के इस्तेमाल की पूरी तरह से अनदेखी की जा रही है. रियर सीट बेल्ट के इस्तेमाल के बारे में लोगों को करना होगा जागरूक इस पहल के माध्यम से हम लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं. हम रियर सीट बेल्ट के इस्तेमाल के बारे में लोगों को जागरूक बनाना चाहते हैं. सेव लाइफ फाउंडेशन और शार्प के साथ हमारी सामरिक साझेदारी इसी दिशा में महत्वपूर्ण कदम है. अभियान की पहली प्रावस्था के तहत हम 12 शहरों के 240 स्कूलों में 200000 से अधिक बच्चों तक पहुंचेंगे और उन्हें रियर सीट बेल्ट के इस्तेमाल और सड़क सुरक्षा के बारे में जागरूक बनाने का प्रयास करेंगे.
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