लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में
पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले का मास्टरमाइंड पाकिस्तान की धरती से ऑपरेट होने वाले जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammad) के आतंकी गाजी राशिद और कामरान हैं. सूत्रों के मुताबिक यह दोनों जैश आतंकी कमांडर हैं और इनकी ट्रेनिंग के बाद ही आत्मघाती हमले को अंजाम दिया गया. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पिछले महीने (जनवरी) पुंछ के रास्ते जैश-ए-मोहम्मद के लगभग पंद्रह आतंकवादियों ने भारत में घुसपैठ की थी. इन आतंकियों में कामरान भी शामिल था जो कथित तौर पर स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए उपकरण और अन्य विस्फोटक लेकर पहुंचा था. वहीं, दूसरी ओर 28 वर्षीय आतंकी राशिद दो महीने पहले कुपवाड़ा के रास्ते भारत में दाखिल हुआ था. सूत्रों का मानना है कि राशिद अफगान युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है. राशिद को पाकिस्तान सेना के विशेष सेवा समूह से प्रशिक्षण मिला था. पाकिस्तान की यह संस्था सीमा पार से होने वाले ऑपरेशन और नियंत्रण रेखा (LoC) के पार खासी नजर रखता है. सूत्रों ने बताया कि राशिद पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिम सीमांत इलाकों में लड़ाई लड़ चुका है. अफगानिस्तान में मुजाहिदीन रहा गाजी राशिद IED का एक्सपर्ट बताया जाता है. माना जा रहा है कि गाजी ने अपने दो साथियों के साथ दिसंबर में भारत में घुसपैठ की थी और दक्षिण कश्मीर में छिप गया था. [caption id="attachment_192275" align="alignnone" width="1002"] जैश के फिदायीन कश्मीरी आतंकी ने विस्फोटकों से भरी गाड़ी को सीआरपीएफ जवानों को ले जा रहे काफिले के वाहन से टकरा दिया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए[/caption] जैश ने राशिद को कश्मीर में बड़ा हमला करने को कहा था इंटेलीजेंस एजेंसियों के मुताबिक, जैश ने पाकिस्तानी कमांडर राशिद को कश्मीर में बड़ा हमला करने को कहा था. हालांकि, जैश यह भी चाहता था कि इस हमले में स्थानीय कश्मीरी युवकों का इस्तेमाल किया जाए. बता दें कि पिछले साल कश्मीर में आतंक के रास्ते पर भटके कई युवा 'ऑपरेशन ऑल आउट' के तहत सुरक्षाबलों के हाथों मारे जा चुके हैं. इनमें जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मौलाना मसूद अजहर की बहन का बेटा तल्हा और भाई का बेटा उस्मान भी शामिल थे. दक्षिण कश्मीर में सेना के ऑपरेशन में यह दोनों आतंकी मार गिराए गए थे. सूत्रों का यह भी कहना है कि पुलवामा हमले में कश्मीरी युवक का इस्तेमाल इसलिए किया गया, ताकि उसे देखकर बाकी युवक जिहाद के लिए तैयार हो सकें. साथ ही भारत मे सिलसिलेवार फिदायीन हमले की शुरुआत करना भी था.
from Latest News अभी अभी Firstpost Hindi Read Full Article
via Firstpost Rss