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बॉलीवुड के सक्सेफुल एक्ट्रेस में से एक रानी मुखर्जी आज अपना 41वां जन्मदिन मना रही हैं। उनका जन्म 21 मार्च, 1978 में हुआ था। रानी का फिल्मी परिवार से आती हैं उनके पिता राम मुखर्जी बॉलीवुड मशहूर डायरेक्टर रहे हैं और उनकी मां कृृष्ण मुखर्जी प्लेबैक सिंगर थीं। पहली बार रानी मुखर्जी को 16 साल की उम्र में 1994 में डायरेक्टर सलीम खान बॉलीवुड फिल्म 'आ गले लग जा' के लिए लीड किरदार आॅफर किया था। लेकिन रानी के पिता ने उन्हें ये कहते हुए मना कर दिया था कि अभी आपकी फिल्म करने की उम्र नहीं है। जिसके बाद यह फिल्म उर्मिला मातोंडकर को आॅफर की गई।
'राजा की आएगी बारात' से किया डेब्यू
रानी ने बॉलीवुड में अपने कॅरियर की शुरुआत 1997 में आई फिल्म 'राजा की आएगी बारात' से की। हालांकि ये फिल्म टिकट खिड़की पर असफल साबित हुई, लेकिन रानी ने अपने संजीदा किरदार के जरिए दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 1998 रानी मुखर्जी के कॅरियर के लिए महत्वपूर्ण साल साबित हुआ। इस साल उन्हें आमिर खान के साथ 'गुलाम' और शाहरूख खान के साथ 'कुछ कुछ होता है' में काम करने का अवसर मिला। दोनों ही फिल्में सुपरहिट साबित हुईं। 'कुछ कुछ होता है' के लिए रानी को सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया।
कंट्रोवर्सीज
रानी मुखर्जी ने काफी दिनों तक आदित्य चोपड़ा से रिलेशनशिप में होने की बात को छुपाकर रखा था। इससे पहले रानी मुखर्जी का बहन काजोल, ऐश्वर्या रॉय, विवेक ओबेरॉय और जया बच्चन के साथ कोल्ड वार चला था। रानी को ये स्टार्स फूंटी आंख भी नहीं सुहाते थे।
अभिषेक बच्चन और गोविंदा के साथ रहा अफेयर
2005 में प्रदर्शित फिल्म बंटी और बबली, रानी के कॅरियर की एक और सुपरहिट फिल्म थी। यश राज बैनर तले बनी इस फिल्म के जरिए रानी और अभिषेक बच्चन की जोड़ी ने दर्शकों को अपने कारनामों के जरिए हंसाते-हंसाते लोटपोट कर दिया। इस फिल्म के बाद से ही अभिषेक और रानी के अफेयर की चर्चा जोरों पर चलने लगी। उस वक्त खबरें थीं कि रानी-अभिषेक शादी करना चाहते थे, लेकिन अभिषेक की मां जया बच्चन की वजह से ये रिश्ता आगे नहीं बढ़ सका। अभिषेक अलावा उनका अफेयर गोविंदा के साथ भी रहा। उस वक्त गोविंदा अपनी पत्नी और बच्चों को छोड़ कर रानी के साथ रहने लगे थे। जब पत्नी सुनीता ने तलाक के साथ आधे से ज्यादा जायदात मांगी तो गोविंदा ने रानी को छोड़ने में ही खुद की भलाई समझी और रानी को छोड़ अपने घर लौट गए।
लगातार 10 फ्लॉप फिल्मों के बाद अचानक हुईं हिट
1999 से 2002 के बीच रानी के कॅरियर के लिए बुरा वक्त साबित हुआ। इस दौरान रानी मुखर्जी की 'हैलो बद्रर', 'बादल', 'हर दिल जो प्यार करेगा', 'हद कर दी आपने', 'बिच्छू', 'कहीं प्यार ना हो जाए', 'चोरी चोरी चुपके चुपके', 'बस इतना सा ख्वाब है', 'प्यार दीवाना होता है', 'मुझसे दोस्ती करोगे' जैसी फिल्में प्रदर्शित हुई, लेकिन ये या तो फ्लॉप रहीं या औसत प्रदर्शन कर पाईं। 2002 में प्रदर्शित यश राज बैनर तले बनी फिल्म ‘साथिया’ रानी के कॅरियर को संवारने में कमयाब रहीं। इस फिल्म में रानी की जोड़ी विवेक ओबेरॉय के साथ काफी पसंद की गई। 2003 में प्रदर्शित फिल्म ‘चलते चलते’ में रानी को एक बार फिर से शाहरूख खान के साथ काम करने का अवसर मिला। यह फिल्म भी सुपरहिट साबित हुई।
कमबैक फिल्म हिचकी से खुद को फिर साबित किया
चार साल बाद उन्होंने फिल्म 'हिचकी' से 2018 में कमबैक किया। फिल्म हिचकी में रानी एक टीजर की भूमिका में नजर आई जिसे ‘टॉरेट सिंड्रोम’ नामक बीमारी होती है। फिल्म में दिखाया गया कि रानी को अपने प्रोफेशनल लाइफ में किस तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फिल्म की कहानी ब्रैड कोहेन की पुस्तक ‘फ्रंट ऑफ द क्लास: हाऊ टॉरेट सिंड्रोम मेड मी द टीचर आई नेवर हैड’ पर आधारित है। कम बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर करीब 47 करोड़ की कमाई कर हिट फिल्मों में अपना नाम दर्ज करा लिया।
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