बुलंदशहर हिंसा: 38 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल, पांच पर सुबोध कुमार की हत्या का आरोप

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उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के शक में भड़की हिंसा के मामले में पुलिस ने चार्जशीट फाइल कर दी है. चार्जशीट में 38 लोगों को नामजद किया गया है, जिनमें से 5 पर सुबोध कुमार की हत्या का आरोप है, जबकि 33 पर दंगा भड़काने का आरोप लगाया गया है. बुलंदशहर के एसपी अतुल श्रीवास्तव ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि ये चार्जशीट स्थानीय अदालत में पेश की गई है. Atul Srivastav, SP on Bulandshahr violence case: SIT filed a charge sheet against 38 people in a local court, out of the 38 people five have been charged with murder. (02-03-19) pic.twitter.com/lOXzXVWduA — ANI UP (@ANINewsUP) March 3, 2019 न्यूज 18 के मुताबिक चार्जशीट में चौंकाने वाली बात यह है कि मुख्य आरोपी माने जा रहे स्थानीय बजरंग दल नेता योगेश राज उन पांच लोगों में शामिल नहीं हैं, जिन सुबोध कुमार की हत्या का आरोप लगाया गया है. क्या है योगेश राज पर आरोप? चार्जशीट में मुख्य आरोपी माने जा रहे बजरंग दल नेता योगेश राज पर दंगा भड़काने और गैरकानूनी तरीके से भीड़ इकठ्ठा करने का आरोप है. चार्जशीट के मुताबिक 3 दिसंबर 2018 को इलाक के महाव गांव में गोकशी की अफवाह के बाद भीड़ ने उग्र होकर चिंगरावटी पुलिस चौकी पर हमला कर दिया. किस-किस पर है हत्या का आरोप? सुबोध कुमार हत्या के मामले में प्रशांत नट, लोकेंद्र, राहुल, डेविड और जॉनी को आरोपी बनाया गया है. इन पांचों को सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपी बनाया है. इस सीसीटीवी फुटेज में ये पांचों आरोपी सुबोध कुमार को घेरे हुए दिखाई दे रहे हैं और इसी दौरान उन्हें गोली मारी गई थी. सुबोध को गोली प्रशांत के नाम पर जारी लाइसेंसी रिवॉल्वर से मारी गई थी. चार्जशीट के मुताबिक इन पांचों ने अपना जुर्म भी कुबूल किया है. इन मामले में कई और आरोपियों की तलाश अभी भी जारी है. पुलिस के मुताबिक एक अन्य आरोपी महाव गांव के प्रधान राजकुमार ने भी बीते हफ्ते सरेंडर कर दिया है. कौन है योगेश राज? बुलंदशहर हिंसा मामले की शुरुआती जांच में यूपी पुलिस ने बजरंग दल के स्थानीय नेता योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया था. योगेश राज हिंसा के बाद 31 दिन तक फरार रहा और फिर पुलिस की गिरफ्त में आया था. इस मामले में कुल 87 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई थी. योगेश राज के खिलाफ दर्ज FIR में पुलिस ने उस पर हिंसा को भड़काने और सुबोध कुमार सिंह के खिलाफ लोगों को हत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था.

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