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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार यानी आज ग्रेटर नोएडा में कई योजनाओं का शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली मेट्रो की ब्लू लाइन पर नोएडा सिटी सेंटर-नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी खंड का उद्घाटन किया. प्रधानमंत्री ने ग्रेटर नोएडा में एक समारोह के दौरान इसका उद्घाटन किया. इसके अलावा पीएम मोदी ने ग्रेटर नोएडा से वीडियो लिंक के जरिए बुलंदशहर के खुर्जा में 1320 मेगावाट ताप विद्युत संयंत्र और बिहार के बक्सर में 1320 मेगावाट के बिजली संयंत्र की आधारशिला रखी. इससे पहले उन्होंने ग्रेटर नोएडा में पंडित दीनदयाल उपाध्याय पुरातत्व संस्थान के परिसर में दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण भी किया. समारोह में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा मौजूद थे. इस एलिवेटिड खंड पर सेक्टर 34, सेक्टर 52, सेक्टर 61, सेक्टर 59, सेक्टर 62 और नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी छह स्टेशन हैं. इससे लोगों को सेटलाइट शहर से राष्ट्रीय राजधानी आने-जाने में सुविधा होगी. डीएमआरसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा- इसकी सेवा शाम चार बजे से शुरू हो रही है. इस नए खंड पर व्यस्त घंटों में हर पांच मिनट 26 सेकेंड पर ट्रेन आएगी. इस विस्तार के बाद ब्लूलाइन 56.6 किलोमीटर लंबी हो गई है, जो पहले दिल्ली के द्वारका सेक्टर 21 से नोएडा सिटी सेंटर के बीच 50 किलोमीटर लंबी थी. इससे पहले पीएम मोदी ने बीते शुक्रवार को दिल्ली मेट्रो की रेड लाइन पर 9.63 किलोमीटर लंबे दिलशाद गार्डन-न्यू बस अड्डा सेक्शन का भी उद्घाटन किया था. इस नए सेक्शन के साथ ही दिल्ली मेट्रो ने गाजियाबाद के अंदरूनी इलाके में पहली बार प्रवेश किया और गाजियाबाद तथा साहिबाबाद के औद्योगिक क्षेत्रों तक पहुंची. इस दौरान पीएम ने कहा कि आपको कितने ही उदाहरण मिल जाएंगे जब पहले की सरकारों ने अपने रागदरबारी को ईनाम देने के लिए आर्कियोलॉजी के हिसाब से महत्वपूर्ण इमारतों के बगल में अपने बंगले बनाने की इजाजत दे दी. दिल्ली में ही ऐसे कितने मामले हैं. मीडिया के साथी थोड़ी छानबीन करें, तो सारा सच सामने आ जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रेटर नोएडा में कहा कि यहां आप लोग मोदी-मोदी कर रहे हैं, वहां कुछ लोगों की नींद हराम हो रही है. पीएम मोदी ने कहा कि वे भी कोई दिन थे, जब नोएडा-ग्रेटर नोएडा की पहचान सरकारी धन की लूट, अथॉरिटी और टेंडर में होने वाले खेल से होती थी, पहले ऐसी ही खबरें आती थीं, मगर अब नोएडा और ग्रेटर नोएडा की पहचान विकासीय परियोजनाओं से हो रही है.
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