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न्यूजीलैंड में हुए दो आतंकवादी हमलों में से एक में ऑस्ट्रेलियाई मूल के व्यक्ति के संदिग्ध के तौर पर उभरने के साथ ही ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि उन्हें यह समझ नहीं आता कि इस तरह की हिंसा और घृणा में शामिल किसी भी व्यक्ति को ‘मानव ’ कैसे कहा जा सकता है. शहर के बाहरी हिस्से में स्थित लिनवुड मस्जिद और मध्य क्राइस्टचर्च के अल नूर मस्जिद में हुए हमलों में कम से कम 49 नमाजियों की मौत हो गई है. यह घटना पश्चिमी देश में मुस्लिमों के खिलाफ अब तक के सबसे बुरे हमले के तौर पर सामने आई है. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया है कि लोगों को करीब से गोली मारी गई और मृतकों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल हैं. स्कॉट मॉरिसन ने सिडनी में कहा कि एक मस्जिद में ऑस्ट्रेलियाई मूल का बंदूकधारी मौजूद था. उन्होंने उसकी व्याख्या, 'एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी एवं हिंसक आतंकवादी' के तौर पर की. मॉरिसन ने बताया कि हमले में ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति की संलिप्तता को लेकर जांच शुरू हो गई है. उन्होंने किरिबिली हाउस से कहा, 'हम आक्रोशित हैं और हम यहां उस हमले की निंदा करते हैं जो आज हुआ जिसमें एक चरमपंथी, दक्षिणपंथी हिंसक आतंकवादी ने क्रूर और निर्मम हमले में न्यूजीलैंड के कई लोगों की जान ले ली.' मीडिया की खबरों में ऑस्ट्रेलियाई मूल के ब्रेंटन टारेंट की एक संदिग्ध के तौर पर पहचान की गई है. बाद में मॉरिसन ने कहा, 'ऐसे लोगों का कोई नाम नहीं होना चाहिए.' प्रधानमंत्री ने कहा, 'नाम कुछ हद तक मानवता दिखाते हैं और मैं ऐसे लोगों को इंसान नहीं समझता जो इस तरह की हिंसा और घृणा में शामिल हों. उसको कोई नाम नहीं दिया जाना चाहिए.'
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