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जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मसूद अजहर के पाकिस्तान में होने की बात स्वीकार करने के एक दिन बाद, देश के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने एक और चौंकाने वाला खुलासा किया है. कुरैशी ने कहा कि इस्लामाबाद सरकार प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के संपर्क में है. बीबीसी के साथ एक साक्षात्कार में कुरैशी ने यह बात बताई कि पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी लेने के बावजूद पाकिस्तान जेवीएम के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई में विफल साबित हुआ है. न्यूज़ 18 के अनुसार विदेश मंत्री ने दावा किया है कि जैश-ए-मौहम्मद ने पुलवामा आतंकी हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है. ऐसे में उसकी भूमिका को लेकर संशय बना हुआ है. जबकी जैश के प्रवक्ता ने खुद इसकी जिम्मेदारी ली थी. हमले में जैश का हाथ था या नहीं, यह स्पष्ट नहीं संगठन के प्रवक्ता मुहम्मद हसन ने 14 फरवरी को अपने एक बयान में कहा, 'दर्जनों सुरक्षाबल' वाहन नष्ट कर दिए गए', और उस चालक की भी पहचान कर ली गई है, जिसने आदिल अहमद डार उर्फ वहास कमांडो के रूप में 'फिदायीन' हमले को अंजाम दिया था. आतंकी समूह ने डार का एक वीडियो भी जारी किया था, जिसमें बैकग्राउंड में जैश के झंडे थे. लेकिन कुरैशी ने कहा है कि हमले में जैश का हाथ था या नहीं, यह स्पष्ट नहीं है. कुरैशी ने शुक्रवार को यह भी स्वीकार किया था कि भारत में कई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड रह चुके मसूद अजहर पाकिस्तान में हैं. लेकिन उन्होंने दावा किया था कि अजहर वास्तव में अस्वस्थ था और अपने घर को छोड़ने की स्थिति में भी नहीं था. सीएनएन के साथ एक साक्षात्कार में भी कुरैशी ने कहा था कि पाकिस्तानी अधिकारियों को अजहर को गिरफ्तार करने के लिए, भारत को उसके खिलाफ पुख्ता सबूत सौंपने होंगे. जो कि 'पाकिस्तानी अदालतों में स्वीकार्य' हों.
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