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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि विपक्षी पार्टी संसद, न्यायपालिका, मीडिया और सशस्त्र बलों सहित संस्थाओं का ‘अपमान’ करने में विश्वास करती है जबकि वर्तमान सरकार के लिए देश की संस्थाएं ‘सर्वोपरि’ हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि इस दौरान हर क्षेत्र में बुनियादी परिवर्तन हुआ है . नरेंद्र मोदी ने अपने ब्लॉग में लिखा, ‘भारत ने देखा है कि जब भी वंशवादी राजनीति हावी हुई तो उसने देश की संस्थाओं को कमजोर करने का काम किया.’ उन्होंने लोगों से वोट डालने से पहले अपने विवेक का इस्तेमाल करने का आग्रह करते हुए लिखा, ‘जब आप मतदान करने जाएं तो आप बीते समय और इस बात का ध्यान रखें कि देश को एक परिवार की सत्ता पिपासा की भारी कीमत चुकानी पड़ती है.’ मोदी ने लिखा, ‘बुद्धिमानी से सोचें: प्रेस से लेकर संसद तक. संविधान से लेकर अदालतों तक. सरकारी संस्थानों से लेकर सशस्त्र बलों तक... संस्थाओं को अपमानित करना कांग्रेस का तरीका रहा है.’ कांग्रेस पर प्रहार जारी रखते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सोच यही है कि सब गलत हैं, और सिर्फ कांग्रेस सही है. यानि ‘न खाता न बही, जो कांग्रेस कहे, वही सही’. उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि जब भी आप वोट देने जाएं, अतीत को एक बार जरूर याद करें कि किस प्रकार एक परिवार की सत्ता की लालसा के चलते देश ने भारी कीमत चुकाई. मोदी ने कहा कि ‘जब कांग्रेस ने हमेशा ही देश को दांव पर लगाया है तो यह तय है कि अब भी वे ऐसा ही करेंगे. याद रखिए, अगर हम अपनी स्वतंत्रता बचाए रखना चाहते हैं तो हमें हर पल सतर्क रहना होगा.’ प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान ऐसे समय में आया है जब दो दिन पहले ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रयागराज में कहा था कि केंद्र सरकार देश की संवैधानिक संस्थाओं को बर्बाद करने पर तुली है. प्रियंका ने कहा, 'देश और संस्थाओं पर संकट देखकर मुझे घर से निकलना पड़ा.' कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि जहां देखो जनता प्रताड़ित, दुखी है और समस्याओं से जूझ रही है. वहीं दूसरी ओर सरकार जनता के लिए कुछ करना नहीं चाहती. बहरहाल, प्रधानमंत्री ने अपने ब्लॉग में कांग्रेस के शासनकाल में आपातकाल लगाए जाने, संविधान के अनुच्छेद 356 का इस्तेमाल किए जाने का जिक्र किया . उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के सत्ता में रहते 25 जून, 1975 की शाम जब सूरज अस्त हुआ, तो आपातकाल के साथ ही भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों की भी तिलांजलि दे दी गई. उन्होंने जोर दिया कि कांग्रेस ने अनुच्छेद 356 का लगभग 100 बार इस्तेमाल किया. अकेले इंदिरा गांधी ने ही लगभग 50 बार ऐसा किया. मोदी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने भारत के चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया की नियुक्ति करते समय कई सम्मानित जजों की अनदेखी की. कांग्रेस के काम करने का तरीका एकदम साफ है- पहले नकारो, फिर अपमानित करो और इसके बाद धमकाओ. कांग्रेस पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यूपीए शासन के दौर को याद कीजिए, उस समय कांग्रेस ने कैग पर सिर्फ इसलिए सवाल उठाए थे, क्योंकि उसने कांग्रेस सरकार के 2जी घोटाला, कोयला घोटाला जैसे भ्रष्टाचार को उजागर किया था. उन्होंने आरोप लगाया कि यूपीए के शासन के समय में सीबीआई कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन बनकर रह गई थीय उन्होंने जोर दिया कि यूपीए के शासन के दौरान राष्ट्रीय सलाहकार परिषद को प्रधानमंत्री कार्यालय के समानांतर खड़ा कर दिया गया था.... और वही कांग्रेस आज संस्थानों की बात करती है! प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा से रक्षा क्षेत्र को कमाई के एक स्रोत के रूप में देखती आई है और यही कारण है कि हमारे सशस्त्र बलों को कभी भी कांग्रेस से वह सम्मान नहीं मिला, जिसके वे हकदार थे. उन्होंने इस संदर्भ में रक्षा घोटालों का जिक्र किया और कहा कि इसके घोटालों की शुरुआत जीप से हुई थी, जो तोप, पनडुब्बी और हेलिकॉप्टर तक पहुंच गई. इनमें हर बिचौलिया एक खास परिवार से जुड़ा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के एक बड़े नेता ने जब सेना प्रमुख को गुंडा कहा तो उसके बाद पार्टी में उसका कद बढ़ा दिया गया और जब हमारी वायुसेना के जांबाज आतंकियों पर हमला करते हैं, तो कांग्रेस उनके दावे पर सवाल उठाती है. प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि कांग्रेस का आंतरिक लोकतंत्र में कोई विश्वास ही नहीं है. अगर कोई नेता पार्टी अध्यक्ष बनने का सपना भी देखे, तो कांग्रेस में उसे फौरन बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है.
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