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फिल्मकार Zoya Akhtar हाल में 'वीमेन शेपिंग द नरेटिव इन मीडिया एंड एंटरटेनमेंट’ के कार्यक्रम का हिस्सा बनीं। इस सेशन के दौरान उन्होंने हिंदी सिनेमा को लेकर एक बेबाक बयान दिया है। जोया का मानना है की हिन्दी सिनेमा में यौन संबंध पर आधारित सीन्स को आपसी सहमति की बजाए ज्यादातर शारीरिक शोषण, बलात्कार एवं उत्पीड़न के रुप में ही दर्शाया जाता है। जोया ने कहा कि जब छोटी उम्र में लोग इस तरह का कंटेंट देखते हैं तो इसका असर बाद में दिखता है।

फिल्काहर ने बताया,'मैंने बहुत बाद में जब मैं बड़ी हो रही थी, यह महसूस किया कि मैंने हिन्दी फिल्मों में बस यौन शोषण देखा है। यह बहुत अजीब था क्योंकि हमने बलात्कार के दृश्य, शोषण एवं उत्पीड़न देखे लेकिन हमें सहमति से बने यौन संबंध देखने को कभी नहीं मिले।'
जोया ने आगे कहा,' इसका हमारी मानसिकता पर असर होना लाजमी है क्योंकि हम लोगों को किस करते हुए नहीं देखते हैं। आप लोगों को प्यार करते हुए और वह अपने साथ कैसा बर्ताव चाहते हैं, यह नहीं देखते हैं।'

उन्होंने कहा, आप क्या दिखा रहे हैं कि महिलाएं हमेशा न ही कहेंगी और आप बस उनपर टूट पड़ेंगे। जब आप बच्चे होते हैं, आप इसपर ध्यान नहीं देते हैं लेकिन जब आप बड़े होते हैं तो आपको महसूस होता है कि यह अजीब है और इसे बदलना चाहिए।'

गौरतलब है की इस कार्यक्रम का आयोजन अमेजन प्राइम वीडियो और स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन ने किया था।
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