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भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई भी राजनीतिक पार्टी सेना के जवानों के नाम या तस्वीर का इस्तेमाल न करें. चुनाव आयोग ने कहा है कि अगर ऐसा होता है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. न्यूज 18 के मुताबिक चुनाव आयोग की वेबसाइट पर 2 मार्च को अपलोड किए गए आदर्श आचार संहिता पर मैनुअल में भी इसका जिक्र है. मैनुअल में लिखा गया है, 'रक्षा मंत्रालय ने चुनाव आयोग के संज्ञान में लाया कि कुछ राजनीतिक दल, नेता और उम्मीदवार अपने चुनाव प्रचार के दौरान विज्ञापनों में रक्षा कर्मियों की तस्वीरों का इस्तेमाल कर रहे हैं. चुनाव आयोग से इस संबंध में उपयुक्त निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया था. ' चुनाव आयोग की ओर से अपलोड किए गए मैनुअल में कहा गया है कि - 'चुनाव आयोग, सभी राजनीतिक दलों से कहता है कि वे अपने उम्मीदवारों / नेताओं को सलाह दें कि वे अपने चुनाव प्रचार / अभियान के तहत रक्षा कर्मियों या आयोजनों की तस्वीरों को विज्ञापनों में शामिल करने से बचें.' पत्र में क्या कहा चुनाव आयोग ने? चुनाव आयोग की ओर से 437/6/INST/2013/CC&BE, dated 04.12.2013 राजनीतिक दलों को संबोधित पत्र में कहा है कि 'यहां यह उल्लेख करना उचित है कि किसी राष्ट्र के सशस्त्र बल उसके सीमावर्ती, सुरक्षा और राजनीतिक व्यवस्था के संरक्षक होते हैं. वे एक आधुनिक लोकतंत्र में राजनीतिक और तटस्थ हितधारक हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि राजनीतिक दल और नेता अपने राजनीतिक अभियानों में सशस्त्र बलों का कोई भी संदर्भ देते समय बहुत सावधानी बरतें. आयोग का विचार है कि सेनाध्यक्ष या किसी अन्य रक्षा कर्मियों की तस्वीरें और रक्षा बलों के कार्यों की तस्वीरें किसी भी तरह से विज्ञापन / प्रचार / अभियान में या चुनाव के संबंध में किसी अन्य तरीके से इस्तेमाल नहीं की जानी चाहिए.'
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