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ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार को खेले गए दूसरे वनडे मैच में भारत को आठ रनों से रोमांचक जीत दिलाने वाले ऑलराउंडर खिलाड़ी विजय शंकर ने कहा है कि वह इसी मौके की तलाश में थे और दबाव में अच्छा करना चाहते थे. भारत ने विदर्भ क्रिकेट संघ (वीसीए) स्टेडियम में पहले बल्लेबाजी करते हुए 48.2 ओवर में 250 रनों का स्कोर बनाया और फिर ऑस्ट्रेलिया को 49.3 ओवर में 242 रनों पर रोक दिया. ऑस्ट्रेलिया को आखिरी छह गेंदों पर जीत के लिए 11 रन बनाने थे और गेंद शंकर के हाथों में थी. शंकर ने 50वें ओवर की पहली गेंद पर माकर्स स्टोयनिस (52) को LBW आउट कर भारत की जीत लगभग पक्की कर दी. इसके बाद उन्होंने तीसरी गेंद पर एडम जम्पा (2) को बोल्ड कर भारत को आठ रनों से रोमांचक जीत दिला दी. शंकर ने मैच के बाद कहा, 'मेरे लिए यह एक मौका था. ईमानदारी से कहूं तो मैं इसी मौके की तलाश में था. मैं दबाव में अच्छा करना चाहता था. डेथ ओवर में गेंदबाजी करने में आनंद आया. मैं खुद से यही कह रहा था कि आखिरी ओवर मुझे डालना है. मैं चुनौती लेने के लिए तैयार था.' शंकर ने मैच में 15 रन देकर 2 विकेट लिए और इसके साथ-साथ 46 रन भी बनाए. नागपुर में विजय शंकर ने 41 गेंदों में तेज तर्रार 46 रनों की पारी खेली. हालांकि वो बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण अंदाज में रन आउट हो गए. मैच के 29वें ओवर में लेग स्पिनर एडम जंपा की गेंद पर विराट कोहली ने जबर्दस्त स्ट्रेट ड्राइव मारा. इसी दौरान गेंद जंपा की उंगलियों से छूकर स्टंप पर जा लगी. दुर्भाग्यवश विजय शंकर उस वक्त क्रीज के बाहर थे और उन्हें आउट करार दिया गया. विजय शंकर अपने पहले वनडे अर्धशतक से महज 4 रन दूर रह गए. 5 चौके और एक छक्के से सजी विजय शंकर की पारी 46 रनों पर खत्म हो गई. हालांकि आउट होने से पहले विजय शंकर ने विराट कोहली के साथ 81 रनों की अहम साझेदारी की. विजय शंकर ने शानदार प्रदर्शन कर वर्ल्ड कप के लिए अपनी दावेदारी पेश कर दी है. न्यूज18
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