लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

महिलाओं को इस पुरुष प्रधान समाज ने काफी तकलीफें दी हैं। हर मोड़ पर उनपर अपने विचार थोपे गए हैं। कुछ इन जुर्म के सामने घुटने टेक देती हैं तो कुछ पूरे दम से वापसी करती हैं और समाज के घिनौने पक्ष को आईना दिखाती है। 'बेंडिट क्वीन' फूलन देवी (Phoolan Devi) उन्हीं मुठ्ठी भर महिलाओं में से एक है। फूलन देवी को बचपन से ही संघर्ष करना पड़ा। 10 साल की उम्र में ही वह अपने पिता के लिए जमीन के लिए लड़ी। कम उम्र में ही उनकी शादी कर दी गई। अधेड़ उम्र के पति ने उसके साथ रेप किया। फिर एक गिरोह ने उनकी इज्जत को तार-तार कर दिया। बदले की आग में जलने वाली फूलन देवी ने डाकू बनकर बेहमई में 22 लोगों को लाइन में खड़ा कर गोली मार दी। फिर आत्मसर्मण कर दिया। जेल से बाहर निकलने के बाद वह राजनेता बन गईं। लोगों के सपोर्ट से वह संसद पहुंची और फिर उनकी हत्या कर दी गई।

बताया जाता है कि फूलन देवी ने मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के सामने जब सरेंडर किया था उस समय उन पर 22 हत्या, 30 डकैती और 18 अपहरण के चार्जेज थे।

फूलन देवी की इस जिंदगी पर साल 1996 में फिल्म 'बेडिंट क्वीन' बनी। इस फिल्म में सीमा बिस्वास ने लीड किरदार अदा किया। शेखर कपूर निर्देशित यह फिल्म काफी सराही गई। इस मूवी के लिए शेखर कपूर को फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ निर्देशक के सम्मान से भी नवाजा गया।
from Patrika : India's Leading Hindi News Portal Read Full Article
via Patrika Rss