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फिल्म इंडस्ट्री में कभी जिस एक्ट्रेस की एक झलक पाने के फिल्म फैंस की लाइन लग जाती थी। उसकी फिल्में सिनेमाघर में बस लगने की देरी होती थी कि कुछ ही घंटों में सारी टिकटें हाथों-हाथ बिक जाती थी। उस एक्ट्रेस का अंत समय इतना भयानक होग ये किसी ने सोचा भी होगा। ये एक्ट्रेस थी दक्षिण भारत की मशहूर एक्ट्रेस निशा नूर। आज Nisha Noor की डेथ एनिवर्सरी है। उनका निधन 23 अप्रेल, 2007 को Tambaram में हुआ था। हम आपको निशा के आखिरी दिनों की दर्दनात दास्तां बताने जा रहे हैं।

18 September, 1962 को Tambaram में जन्मी South Actress Nisha Noor की पॉपुलेटी इतनी ज्यादा थी की उनके साथ रजनीकांत और कमल हासन जैसे सुपरस्टारों काम करने के लिए तैयार रहते थे। 80-90 के दशक में एक के बाद हिट देने की वजह से निशा नूर साउथ फिल्म इंडस्ट्री में चर्चा का विषय थी। निशा नूर की हिट फिल्मों की बात करें तो उन्होंने साल 1981 की फिल्म 'टिक! टिक! टिक!', 1986 की फिल्म 'कल्याणा अगातिगल', 1990 में 'अय्यर द ग्रेट' जैसी कई सुपरहिट फिल्में दी थीं। लेकिन कुछ सालों बाद अचानक इस अभिनेत्री को काम मिलना बंद हो गया और उसे पैसों की किल्लत हो गई। धीरे-धीरे सब उन्हें भूल गए।

इसके बाद साल 2007 में अचानक एक गैर सरकारी संस्था Muslim Munnetra Kazhagam के सदस्यों ने निशा नूर को एक दरगाह के बाहर बेहद बुरी हालत में सड़कों पर पड़ा देखा। उनकी सांसे तो चल रही थी लेकिन शरीर कंकाल में बदल चुका था। उनके शरीर पर कीड़े और चींटियां रेंग रहे थे। इसके बाद संस्था के सदस्यों ने उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। जहां इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। यही नहीं रिपोर्ट्स की मानें तो डॉक्टर्स ने बताया था कि उन्हें AIDS हो गया था। वहीं कहा जाता है कि पैसों का लालच देकर एक निर्माता ने निशा को देह व्यापार के धंधे में ढकेल दिया था। वहां इस अभिनेत्री ने अपने सबसे बुरे दिन देखे।
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