Romeo Akbar Walter: पहले ही दिन दर्शकों के सिर चढ़ बोला जॉन की RAW का जादू, कमा डाले इतने करोड़...

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Romeo Akbar Walter Box Office Collection Day 1: इस हफ्ते सिनेमाघरों में जॉन अब्राहम (John Abraham) स्टारर फिल्म ‘रोमियो, अकबर, वाल्टर’(Romeo Akbar Walter) रिलीज हुई है। फिल्म को दर्शकों और क्रीटिक्स से मिली जुली प्रतिक्रिया मिल रही है। मूवी की टैग लाइन है Our Hero, Their Spy रखी गई है। इस फिल्म को रॉबी ग्रेवाल ने डायरेक्ट किया है।

 

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पहले दिन के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन कि बात करे तो फिल्म ने पहले दिन सिनेमाघरों में ठीक-ठाक कमाई करते हुए करीब 5 करोड़ का कलेक्शन किया है। हालांकि बॉक्स ऑफिस कलेक्शन को लेकर अभी तक किसी प्रकार की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। लेकिन जॉन अब्राहम की फैन फॉलोईंग के देखते हुए इस कमाई की उम्मीद जताई जा रही है।

 

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कहानी
इस फिल्म की कहानी 1971 के दौर की है जहां रोमियो, अकबर और वॉल्टर नाम का एक शख्स दुश्मन देश में जाकर देश की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगाकर जासूसी करता है। कहानी अकबर (जॉन अब्राहम) से शुरू होती है, जिसे पाकिस्तानी इंटेलिजेंस अफसर खुदाबख्श (सिकंदर खेर) के हाथों खूब टॉर्चर किया जा चुका है। थर्ड डिग्री का इस्तेमाल करके उसके नाखून तक उखाड़ दिए गए हैं। पाकिस्तान इंटेलिजेंस को अकबर के भारतीय रॉ के जासूस होने का शक है। वहां से कहानी फ्लैशबैक में ट्रैवल करती है। बैंक में काम करनेवाला रोमियो ईमानदार और बहादुर है। वह बैंक में काम करनेवाली श्रद्धा (मौनी रॉय) से प्यार करता है। वह अपनी मां के साथ रहता है। एक समय उसके पिता ने देश के लिए अपनी जान गंवाई थी और उसके बाद उसकी मां ने देशभक्ति के जुनून से दूर एक आम जिंदगी में उसकी परवरिश की थी, मगर बैंक में होनेवाली डकैती उनकी जिंदगी बदलकर रख देती है। बैंक में हुई रॉबरी का वह जांबाजी से मुकाबला करता है। उस रॉबरी के बाद रोमियो को बताया जाता है कि उसे रॉ के चीफ श्रीकांत राय (जैकी श्रॉफ) द्वारा रॉ के एक जासूस के रूप में चुना गया है और अब उसे अकबर मलिक बनकर पाकिस्तान से खुफिया जानकारी जुटानी है। जासूस के रूप में उसे कड़ी ट्रेनिंग जी जाती है। पाकिस्तान आकर वह इजहाक अफरीदी (अनिल जॉर्ज) का दिल जीतता है और और कुछ ही समय में उसका विश्वासपात्र बन जाता है। वह भारत को पाकितान द्वारा बदलीपुर में होनेवाले हमले की योजना की जानकारी देता है। इस खुफिया मिशन पर उसका साथ देता है पाकिस्तानी रघुवीर यादव। सब कुछ ठीक चल रहा होता है, मगर श्रद्धा के पाकिस्तान में डिप्लोमैट के रूप में आने पर खुदाबख्श को कुछ ऐसा सुराग मिलता है, जिससे उसे अकबर पर शक हो जाता है। वह उसे टॉर्चर करके उसका सच उगलवाना चाहता है। अब देखना होगा की रोमियो और अकबर के बाद वह कैसे वाॅल्टर बनता है और कैसे अपने दुश्मनों का सामना करता है।



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