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सिनेमा और विवाद का जैसा चोली दामन का साथ है। हाल के दिनों में इस विवाद का रंग अनुभव सिन्हा की फिल्म आर्टिकल 15 पर भी चढ़ गया है। रिलीज से पहले ही इस मूवी को लेकर करणी सेना ने विरोध दर्ज कराया। दरअसल ‘आर्टिकल 15’ के ट्रेलर के एक सीन में आरोपियों को ‘महंत जी के आश्रम के लड़के’ कहा गया है। अब फिल्म के निर्देशक अनुभव सिन्हा ने इसे लेकर ओपन लेटर लिखा है।

अनुभव ने यह साफ किया है कि यह फिल्म बाह्रमण वर्ग को कठघरे में खड़ा नहीं करती है। अनुभव ने लिखा, 'देश के सभी ब्राह्मण संगठनो को मेरा नमस्कार। साथ ही करणी सेना को भी। साथ ही मैं इस पत्र के माध्यम से आप के उन सभी सदस्यों को क्षमा भी करता हूँ जिन्होंने असहमति और विरोध की मर्यादाओं का उल्लंघन किया। मेरी हत्या या मेरी बहनों और मेरी दिवंगत माँ के बलात्कार की धमकियों से संवाद नहीं हो सकता। मेरा विश्वास है कि आप में से अधिकतर लोग इस प्रकार के विरोध का समर्थन नहीं करेंगे। ये भविष्य में भी नहीं होना चाहिए। हम एक समाज हैं और हेमें एक दूसरे का सम्मान रखना चाहिए। मेरी आगामी फ़िल्म भी इसी संदर्भ में ही है।
सबसे पहले मैं आपको ये समझा दूँ कि किसी भी फिल्म का ट्रेलर उसकी पूरी कहानी नहीं कह पाता। सम्भव नहीं है। फ़िल्म के बहुत से टुकड़ों को जोड़ के एक आकर्षक कहानी बताने का प्रयास होता है। भविष्य में भी किसी ट्रेलर से पूरी फिल्म को न आँकें। कोई भी फ़िल्म किसी भी समाज का निरादर करने का प्रयास करेगी ऐसी सम्भावना कम है। बहुत कम। ये बात मैं अपने तमाम फिल्मकार साथियों की तरफ से भी कह रहा हूँ। उनसे पूछे बिना पर मैं उन सबको तीस सालों से जानता हूँ। ऐसा बहुत मुश्किल है। आप के अनुमान पर आधारित विरोध से न सिर्फ़ आपका समय नष्ट होता है बल्कि हमारा भी। आपका समय समाज कल्याण में व्यय होना चाहिए जैसा कि होता भी होगा मेरा पूरा विश्वास है।
है कि ब्राह्मणों का निरादर किया जाय। वैसे मेरी पत्नी भी ब्राह्मण हैं सो मेरे पुत्र के अस्तित्व में भी ब्राह्मण समाते हैं और।
चलिए शायद मेरी बात का विश्वास न भी हो रहा हो तो कुछ यूँ करते हैं। सोमवार से फिल्म हमारे पत्रकार साथियों को मुंबई और दिल्ली में दिखाई गयी है। कई विवेचनाएँ भी internet पर उपलब्ध हैं। मैं अपने उन सभी पत्रकार मित्रों को आमंत्रित करता हूँ कि इस पत्र के उत्तर में वो आप सभी को आश्वस्त करें कि फिल्म में ब्राह्मण समाज का निरादर नहीं किया गया है। न ही राजपूत समाज का, सो मेरे करणी सेना के सभी साथी भी आश्वस्त रहें। आप लोगों का समय बेहद मूल्यवान है और उसे आप उसी तरह राष्ट्र निर्माण में लगाते रहें जैसे सदैव लगाते रहे हैं। राष्ट्र को आपकी आवश्यकता है।
An open letter to all offended from my film's trailer #ARTICLE15 pic.twitter.com/LE8QTjpkLx
— Anubhav Sinha (@anubhavsinha) June 26, 2019
ट्रेलर के कारण कोई भ्रम अगर फैला हो तो मैं करबद्ध क्षमा याचना करता हूँ और आप सब से अनुरोध करता हूँ कि फिल्म अवश्य देखें। यह फ़िल्म उसी राष्ट्र के सम्बंध में है जिसके निर्माण में आप सभी तन मन धन से लगे हुए हैं।'
अब फ़िल्म 'Article 15' की बात करते हैं। मेरा विश्वास करें फिल्म में ब्राह्मण समाज का कोई निरादर नहीं किया गया है। आप को जान कर हर्ष होगा कि फ़िल्म के बनाए जाने में मेरे कई ब्राह्मण साथी भी हैं, कई कलाकार भी। कोई कारण नहीं है कि ब्राह्मणों का निरादर किया जाय। वैसे मेरी पत्नी भी ब्राह्मण हैं सो मेरे पुत्र के अस्तित्व में भी ब्राह्मण समाते हैं और।
चलिए शायद मेरी बात का विश्वास न भी हो रहा हो तो कुछ यूँ करते हैं। सोमवार से फिल्म हमारे पत्रकार साथियों को मुंबई और दिल्ली में दिखाई गयी है। कई विवेचनाएँ भी internet पर उपलब्ध हैं। मैं अपने उन सभी पत्रकार मित्रों को आमंत्रित करता हूँ कि इस पत्र के उत्तर में वो आप सभी को आश्वस्त करें कि फिल्म में ब्राह्मण समाज का निरादर नहीं किया गया है। न ही राजपूत समाज का, सो मेरे करणी सेना के सभी साथी भी आश्वस्त रहें। आप लोगों का समय बेहद मूल्यवान है और उसे आप उसी तरह राष्ट्र निर्माण में लगाते रहें जैसे सदैव लगाते रहे हैं। राष्ट्र को आपकी आवश्यकता है।
ट्रेलर के कारण कोई भ्रम अगर फैला हो तो मैं करबद्ध क्षमा याचना करता हूँ और आप सब से अनुरोध करता हूँ कि फिल्म अवश्य देखें। यह फ़िल्म उसी राष्ट्र के सम्बंध में है जिसके निर्माण में आप सभी तन मन धन से लगे हुए हैं।'
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