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बॉलीवुड अभिनेता अर्जुन कपूर का कहना है कि बदलते वक्त के साथ अब बॉलीवुड में हीरो के मायने भी बदल चुके हैं। अर्जुन ने कहा, 'अब रियलिस्टिक फिल्मों का दौर है और इस बदलाव की वजह हमारी ऑडियंस हैं। पहले फिल्में सेलिब्रेशन हुआ करती थीं, जबकि अब लोगों को क्लासी कॉन्टेंट भी चाहिए। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि आज ऑडियंस का माइंडसेट बदल गया है। पहले फिल्में एस्केपिज्म के लिए होती थीं, लेकिन अब लोग चाहते हैं कि आप उन्हें सोचने के लिए भी कुछ दो। पहले लोग पूरी फैमिली के साथ इंजॉय करने के लिए मूवी देखने जाते थे। अब ऑडियंस के पास इतना टाइम नहीं है। डिजिटल जमाना है, दो घंटे की फिल्म भी लंबी लगती है।
इंडस्ट्री ने स्वीकारा बदलाव
एक्टर ने कहा कि अब लोगों को सिनेमाघरों तक खींचने के लिए कंटेट देना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इसमें थोड़ा समय लगेगा लेकिन इंडस्ट्री ने इस बदलाव को स्वीरकार कर लिया है। पिछले कुछ सालों में हमारी सफलता की दर भी बढ़ी है। बता दें कि पिछले कुछ समय में दर्शकों का रुझान वेब सीरीज की तरफ ज्यादा बढ़ गया है। इसके पीछे एक मुख्य वजह यह है कि वेब सीरीज में दर्शकों को अच्छा कंटेट मिल रहा है।
सोशल मीडिया से कम हुआ स्टारडम
अर्जुन कपूर का मानना है कि सोशल मीडिया के चलते स्टारडम पर फर्क पड़ा है। अब स्टारडम पाना और उसे बरकरार रखना ज्यादा मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा, 'पहले सितारे कभी-कभी जमीन पर आते थे, तो लगता था कि अच्छा ये ऐसे दिखते हैं, ऐसे डांस करते हैं। आज मैं घर से निकलता हूं, तो क्या कपड़े पहनकर वर्कआउट करने जा रहा हूं, वह भी लोगों को पता होता है, तो ऑरा कम होता है। इससे एक अपनापन जरूर आता है, पर वह चमक, वह स्टारडम निश्चित तौर पर कम लगती है।

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