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फिल्म: (Judgementall Hai Kya)
कलाकार: (Kangana Ranaut, Rajkummar Rao)
निर्देशक: (Prakash Kovelamudi)
रेटिंग : (3 star)
फिल्म 'मणिकर्णिका' में दमदार किरदार निभाने के बाद बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अब अजीबोगरीब हरकतों से अपने दीवानों को दीवाना बनाएंगी। फिल्म 'जजमेंटल है क्या' (Judgemental Hai Kya) शुक्रवार को रिलीज हो चुकी है और फिल्म एनालिस्ट (Film Analyst) से फिल्म को अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। यह कंगना की राजकुमार राव के साथ दूसरी फिल्म है इससे पहले ये जोड़ी 'क्वीन' में दर्शकों का प्यार पाने में कामयाब रही थी।
कहानी
कंगना और राजकुमार स्टारर फिल्म 'जजमेंटल है क्या' एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर फिल्म है। बॉबी और केशव के बारे में जो एक बार मिलते हैं और फिर शुरू हो जाता है मिस्ट्री गेम। केशव के घर में हुई है मौत और इस मौत का जिम्मेदार कौन है बचपन से ही दिमाग से हिली हुई बॉबी या फिर सीधा-सादा केशव? यही नहीं आपको इस फिल्म में और भी बहुत कुछ देखने को मिलेगा। फिल्म की कहानी में कई सारे ट्विस्ट और टर्न्स से भरी हुई है। एक डार्क कहानी जो जैसे-जैसे आगे बढ़ती है आपको अपने साथ जोड़ती चली जाती है। बॉबी 'कंगना रनौत' अपने बचपन के ट्रॉमा से गुजरने के बाद एक्यूट साइकोसिस नाम की दिमागी बीमारी से जूझ रही हैं। उसका बॉयफ्रेंड कम मैनेजर वरुण 'हुसैन दलाल' उनके साथ है और कुछ पाने के बजाए उनके साथ सब्जियां खरीदने में समय बिता रहे हैं।
बॉबी के घर आते हैं नए किराएदार केशव और रीमा, जिनकी जिंदगी बॉबी के लिए काफी अलग है। बॉबी, केशव और रीमा की इस अलग जिंदगी की ओर आकर्षित होती है लेकिन एक मर्डर के चलते उसका भ्रम टूटता है और वो केशव को शक की निगाह से देखने लगती है। अब बॉबी के दिमाग में जो चल रहा है वो सही है या नहीं? ये जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी।
एक्टिंग
बात करें परफॉर्मेंस की तो कंगना रनौत और राजकुमार राव ने कमाल की एक्टिंग की है। एक लड़की जो बचपन से ही परेशान और दिमागी संतुलन खो चुकी है, फिर भी अलग अंदाज में जिंदगी जीती है और अपनी असलियत छिपाने की कोशिश नहीं करतीं के रोल में कंगना ने अलग ऊंचाई को छुआ है। कंगना की परफॉर्मेंस बेमिसाल है। वहीं राजकुमार राव ने कंगना को परफॉर्मेंस के मामले में जबरदस्त टक्कर दी है। उन्होंने एक बार साबित कर दिखाया है कि वह बॉलीवुड के टैलेंटेड एक्टर्स में से एक हैं। उन्होंने अपना अलग-अलग लेयर्स वाला किरदार बखूबी निभाया है और उसके साथ पूरा-पूरा न्याय भी किया है। सपोर्टिंग कास्ट में एक्टर हुसैन दलाल, सतीश कौशिक, अमायरा दस्तूर, अमृता पुरी और जिमी शेरगिल ने बढ़िया काम किया है।
डायरेक्शन
प्रकाश कोवेलामुड़ी ने एक बार फिर अच्छी कोशिश की है। फिल्म की कहानी बढ़िया है, उसका एक्सीक्यूशन शानदार है। सारे जोक्स और पंचलाइन एकदम सही टाइमिंग के साथ हैं ओर फिल्म ने पूरे समय दर्शकों को जोड़े रखा। बस कमी है यह कि सीन्स को बहुत लंबा खिंचा गया है। फिल्म की सिनेमेटोग्राफी और एडिटिंग दोनों बढ़िया है। कंगना और राजकुमार के किरदार को जिस तरह से एक्सप्लोर किया गया है, वो लाजवाब है।
म्यूजिक
फिल्म का म्यूजिक काफी अच्छा है। 'वखरा स्वाग' के अलावा फिल्म के बाकी सभी गाने हर सीक्वेंस के साथ फिट बैठते हैं। इसके अलावा फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर बहुत बढ़िया है।
क्यों देखें
अगर आप कंगना रनौत और राजकुमार के पागलपन को देखकर हंसी से लोटपोट होना चाहते हैं तो यह मौका गंवाना नहीं। फिल्म में ऐसे कई इमोशनल सीन्स है, जो आपके दिल में कुछ हरकत जरूर पैदा करते हैं। ऐसी फिल्में बॉलीवुड में कम ही बनती हैं।
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