इस वजह से जे ओमप्रकाश अपनी फिल्मों के नाम 'ए' अक्षर से ही रखते थे

advertise here
Read Full Article from Here

लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

बॉलीवुड के मशहूर निर्माता-निर्देशक जे ओमप्रकाश का हाल ही में निधन हो गया। वे अभिनेता ऋतिक रोशन के नाना थे। ऋतिक उन्हें डेडा कहकर बुलाते थे। एक ज़माना था जब जे ओमप्रकाश के नाम की तूती इंडस्ट्री में बोलती थी। उन्होंने बॉलीवुड को कई सुपरहिट फिल्में दी हैं। ऋतिक भी जब 6 साल के थे तो उनके नाना की फिल्म 'आशा' में बतौर बाल कलाकार काम किया था।

 

इस वजह से जे ओमप्रकाश अपनी फिल्मों के नाम 'ए' अक्षर से ही रखते थे

जे ओमप्रकाश की फिल्मों की एक सबसे बड़ी विशेषता थी कि वह अपनी सभी फिल्मों के नाम 'ए' अक्षर से रखते थे। बताया जाता है कि जब उनकी फिल्में 'आस का पंछी' और 'आई मिलन की बेला' सुपरहिट हुई तो वे 'ए' अक्षर को लकी मानने लगे। इसके बाद उन्होंने अपनी सभी फिल्मों के नाम 'ए' अक्षर से रखना शुरू कर दिया। उन्होंने 'आए दिन बहार के', 'आया सावन झूम के','आन मिलो सजना', 'आंखों आंखों में', 'आप की कसम', ''आक्रमण', 'अपनापन', 'आशिक हूं बहारों का', 'आशा', 'आस पास', 'अपना बना लो', 'अर्पण', 'आखिर क्यों', 'आप के साथ' और 'आदमी खिलौना है' जैसी सुपरहिट फिल्में बनाई।

 

इस वजह से जे ओमप्रकाश अपनी फिल्मों के नाम 'ए' अक्षर से ही रखते थे

खास बात यह है कि जे ओमप्रकाश के दामाद यानी राकेश रोशन भी अपनी फिल्मों के नाम 'क' अक्षर से रखते हैं। उन्होंने अपने बेटे ऋतिक को भी बॉलीवुड में डेब्यू 'कहो ना प्यार है' फिल्म से कराया। यह फिल्म सुपरहिट हुई।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal Read Full Article
via Patrika Rss

Click to comment