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आज बॅालीवुड इंडस्ट्री की महानायिका और हवा हवाई एक्ट्रेस श्रीदेवी ( Sridevi ) का जन्मदिन ( Sridevi Birthday ) है। पिछले साल दुबई के एक होटल में बाथटम में डूबने के कारण उनका देहांत हुआ था। उनकी मौत की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ पड़ी थी। भले ही आज वह हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनकी फिल्में आज भी लोग देखना पसंद करते हैं। श्रीदेवी ने इंडस्ट्री में कई फिल्में की हैं, लेकिन एक दौर ऐसा भी था जब वह बिना कंटेंट देखे मात्र निर्देशकों की कठपुतली बनी हुई थी। इस बारे में बॅालीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस स्मिता पाटिल ( Smita Patil ) ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था।

दरअसल, सालों पहले स्मिता ने स्टारडस्ट को इंटरव्यू दिया था। जिसमें उन्होंने भारतीय सिनेमा में बदलाव लाने के बारे में बात की थी और साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस सहित श्रीदेवी और जया प्रदा पर सवाल खड़े किए थे।
उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा, ' आजकल हर किसी का टेस्ट वल्गर हो गया है। 'इंकलाब' में एक स्विमिंग पूल गीत है। भगवान, आप दर्शकों को क्या दिखा रहे हैं। मुझे हैरानी होती है कि जब महिलाएं ये सब देखती हैं तो उनपर क्या बीतती होगी। उन्हें निश्चित रूप से शर्म आ जाती होगी ये सोचकर कि आजकल की अदाकाराएं कैसे अंग प्रदर्शन करती हैं।

स्मिता ने श्रीदेवी के बारे में बात करते हुए कहा, 'श्रीदेवी मेरी एक अच्छा दोस्त है। मैं वास्तव में उनसे बात करना चाहूंगी, उससे पूछूंगा कि क्या उन्हें पता चल रहा है कि वह किस तरह से शोषण का शिकार हो रही हैं। शायद नहीं। मैं तो इतने पर भी नहीं कह सकती कि मैं शोषण का शिकार नहीं हूं।' साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'वे सेट पर जाती हैं और सबकुछ अपने माता-पिता के अनुसार करती हैं। उनका सिर्फ एक मकसद होता है पैसे कमाना और शादी कर लेना। उनको अंत तक ये अहसास नहीं होता कि ये इंडस्ट्री उनका शोषण कर रही है। जो कि बहुत अफसोस की बात है।'

उन्होंने आगे बताया, 'ये साउथ इंडस्ट्री की एक्ट्रेसेस सिर्फ सेक्स-ऑब्जेक्ट्स बनना चाहती हैं और उन्हें शोषण से कोई फर्क नहीं पड़ता। मुझे नहीं लगता कि उनमें से कोई भी ये सोचता है कि इस तरह से वे किस प्रकार की महिला स्क्रीन पर प्रोजेक्ट करते हैं और इससे दर्शकों पर क्या प्रभाव हो सकता है।'
श्रीदेवी एक शानदार एक्ट्रेस हैं और लेकिन देखो कि वह खुद क्या कर रही हैं। मैंने 'जाग उठा इंसान' देखी और मैं वास्तव में उनके सहज अभिनय और नृत्य से प्रभावित थी ।' 'मुझे लगता है कि उन्हें कुछ अच्छी फिल्में करनी चाहिए। 'सदमा' में भी, वह अच्छी थी और मैंने खुद से कहा, 'भगवान, यहां एक अभिनेत्री है'। लेकिन उसके बाद ही उन्होंने 'तोहफा', 'मक्सद' जैसी फिल्में कर डाली।'
'मुझे लगता है कि अदाकाराओं को अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट करना होगा। मैंने कई सालों तक खुद को रेखा या हेमा समझा। इसी भ्रम में कई गलत फिल्में भी साइन की, पर अब में स्पष्ट हूं। अगर एक अभिनेत्री के रूप में, मैं सफल हूं, मैं सफल हूं। मुझे बॉक्स ऑफिस की परवाह नहीं है, जहां एक्ट्रेसेस कुछ भी करती हैं।'
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