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'मुझे 'ड्रीम गर्ल' (Dream Girl) के लिए तैयार होने में 3 घंटे लगते थे। मुझे ऐसा लगता है कि जब एक मर्द को औरत का गेटअप दिया जाता है तो इतना समय लगता ही है। रोजाना शेव करनी पड़ती थी। लड़कियों की तरह पूरा मेकअप करना पड़ता था और साड़ी पहनने में काफी समय लगता था। शाम तक फिर से दाढ़ी आ जाती तो फिर शेव करनी पड़ती थी।' यह कहना है अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) का। मुंबई में आयोजित हुए एक इवेंट में एक्टर ने पत्रिका एंटरटेनमेंट से खास बातचीत की।
इंडस्ट्री की थोड़ी समझ आ गई है
आयुष्मान से जब पूछा गया कि विक्की डोनर से लेकर अब तक कितना बदलाव आया है। इस पर आयुष्मान ने कहा, मुझे अब इंडस्ट्री की और ट्रेड की थोड़ी समझ आ गई है। पहले मुझे नंबर्स समझ नहीं आते थे। अब धीरे—धीरे समझ आ रहा है। पहले मुझे ओपनिंग का पता नहीं था। सबसे बड़ी ओपनर बनने के बारे में इतना नहीं जानता था। किससे नसीहत लेनी है। डायरेक्टर्स से क्या सीखना चाहिए। ये सब बातें अभी तक के कॅरियर में मुझे सीखने को मिली।
पापा की सलाह नहीं लेते
आयुष्मान के पिता पी खुराना एक जाने-माने ज्यातिषी हैं। ऐसे में उनसे पूछा कि क्या वह अपनी फिल्मों के लिए पिता की सलाह लेते हैं तो इस पर उन्होंने कहा, 'मैं इस मामले में पापा की सलाह नहीं लेता। मैं सिर्फ अपना काम करता हूं। आगे क्या होने वाला है या क्या होगा, यह जानने में मेरी कोई दिलचस्पी नहीं है। मैं सिर्फ अपना कर्म करता हूं।'
फिल्म का टाइटल कुछ और सोचा था
आयुष्मान ने बताया कि जब उनके पास फिल्म 'ड्रीम गर्ल' की स्क्रिप्ट आई थी, तब तक उसका टाइटल फाइनल नहीं किया गया था। हमने पहले फिल्म का नाम कुछ और सोचा था। पहले इस मूवी का नाम 'करम ही पूजा' सोचा था क्योंकी मूवी में मैं दोनों ही नाम के कैरेक्टर कर रहा हूं। लेकिन बाद में इसका टाइटल 'ड्रीम गर्ल' फाइनल किया गया।'
नेशनल अवॉर्ड विनर का टैग प्रेशर नहीं प्रोत्साहन
हाल ही आयुष्मान को नेशनल अवॉर्ड मिला है। जब उनसे पूछा गया कि नेशनल अवॉर्ड विनर का टैग कितनी जिम्मेदारियां और प्रेशर लेकर आया। इस पर उन्होंने कहा, जिम्मेदारी तो यह है कि स्क्रिप्ट्स जो मैं चुन रहा हूं वो अलग होनी चाहिए और वह मैं शुरू से कर रहा हूं। वहीं बात करें प्रेशर की तो मुझे यह प्रेशर से ज्यादा मेरे लिए प्रोत्साहन है। इससे मुझे प्रेरणा मिलती है कि मैं जो कर रहा हूं, वह मुझे करते रहना चाहिए और स्क्रिप्ट पर ध्यान देना चाहिए।'
एक्टर ही बनना चाहता था
सभी जानते हैं कि आयुष्मान एक बेहतरीन एक्टर होने के साथ बहुत अच्छे सिंगर भी हैं। संगीत की कला उनको विरासत में मिली। लेकिन एक्टिंग को चुनने के पीछे क्या वजह रही। इस पर उन्होंने कहा, 'मैं शुरू से ही एक्टर बनना चाहता था। मेरी रुचि इसमें ज्यादा थी। मैं हमेशा यही चाहता था कि पहले लोग मुझे एक्टर के तौर पर पहचाने फिर सिंगर के रूप में।'
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