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भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला के जीवन पर आधारित डॉक्यूमेंट्री गुरुवार को मुंबई में मामी फिल्म फेस्टिवल में दिखाई गई। नेट जियो के अधिकारियों के मुताबिक 45 मिनट की यह डॉक्यूमेंट्री हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में बनाई गई है। नेशनल जियोग्राफिक ने इसे अपने कार्यक्रम 'मेगा आइकन' टीवी सीरीज के लिए बनाया है। इसमें उनके माता-पिता और खास मित्रों के साक्षात्कार दिखाए गए हैं। कल्पना के पिता बनारसी लाल ने कहा, 'वह केवल मेरी बेटी नहीं थी, बल्कि भारत और अमेरिका की बेटी थीं। मैं चाहता हूं कि कल्पना के काम से पूरी दुनिया को लाभ ले।'
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बनारसी ने बताया कि जब कल्पना को नासा के लिए चुना गया था तो उसने कहा था कि वह एक दिन बाहरी अंतरिक्ष में अगवा कर ली जाएगी। उन्होंने कहा कि कल्पना के लिए करनाल से लेकर कैलिफॉर्निया तक लोगों में प्यार था और उसकी मृत्यु के बाद मुझे उसके जीवन के कई पहलुओं के बारे में पता चला। जिन्होंने लोगों को प्रेरित किया।
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बता दें कि चावला अंतरिक्ष में उड़ान भरने वाली भारतीय मूल की पहली महिला थीं। इस डॉक्यूमेंट्री में कल्पना का वह साक्षात्कार भी है, जिसमें उन्होंने कहा था कि उनके निधन के बाद उनकी राख या तो हिमालय या फिर उटाह के सिय्योन नेशनल पार्क में बिखेर दी जाए। कल्पना का जन्म साल 1962 में करनाल में हुआ था। वह साल 2003 में दुर्घटनाग्रस्त हुए अंतरिक्ष यान के चालक दल के सात सदस्यों में से एक थीं।
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