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विवेक ओबेरॉय ( vivek oberoi ) बॉलीवुड के फाइनेस्ट एक्टर में से एक हैं। वे हर वर्ग बच्चों से लेकर बुजुर्ग और सभी जरुतमंदों का दर्द समझते हैं। हाल ही में विवेक ने अपने निजी जीवन और कॅरियर को लेकर खुलकर बात की।

इस दौरान उन्होंने कहा, 'मैं एक कलाकार हूं, मुझे मुखौटे बदलने में मजा आता है। अलग-अलग किरदार निभाने में मजा आता है। मैं स्वयं को चुनौती देता हूं। जब मैंने अपने अभिनय का सफर शुरू किया तो लोगों ने कहा कि अरे क्या कोई ऐसी अपनी पहली फिल्म करता है? आपने ना तो डांस सीखा और ना ही डिजाइनर कपड़े पहने। फिर जब फिल्म सफल हो गई तो सभी ने अरे वाह यह यह तरीका सही था। उस लोगों ने मुझे रोमांटिक फिल्म करने की सलाह दी थी।'

मैं प्रशंसा को याद रखता हूं ना कि बुराईयों को
जब मैं अपना कॅरियर शुरू कर रहा था तो मेरे पिता ने मुझसे कहा था कि सबसे पहले अपने आपको तैयार करना होगा। ताकि आप मांग के लायक बन सके। फिल्मों के लिए प्रशंसा को लेकर विवेक ने कहा कि मैं हमेशा प्रशंसा को याद रखता हूं ना कि बुराइयों को। ना ताली और ना गाली मैं किसी भी चीज को याद नहीं रखता। यहां कि मैं अपनी फिल्मों की समीक्षा तक नहीं पढ़ता। क्योंकि ऐसा करने से ना तो फिल्म हिट होती है और ना ही फ्लॉप।
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