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बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ( bhumi pednekar ) जल्द ही फिल्म 'सांड की आंख' ( saand ki aankh ) में नजर आएंगी। यह फिल्म चंद्रो तोमर ( chandro tomar ) और प्रकाशी तोमर ( prakashi tomar ) पर आधारित है जो उत्तर प्रदेश से हैं जिन्हें भारत में सबसे वयस्क शार्पशूटर कहा जाता है।

इस फिल्म में भूमि के अलावा एक्ट्रेस तापसी पन्नू भी मुख्य किरदार अदा कर रही हैं। इन दिनों दोनों अदाकाराएं फिल्म के प्रमोशन में जुटी हैं। इसी बीच हाल में भूमि ने महिलाओं के प्रति हो रही असमानता को लेकर खुलकर बात की।

रूढ़िवादी सोच को खत्म करना जरूरी
भूमि ने कहा, ''सांड की आंख' फिल्म महिलाओं के प्रति समानता जैसे बड़ा मुद्दे को लेकर है। बचपन से मैंने देखा है कि कुछ जगह आज भी महिलाएं देश में असामनता का सामना कर रही हैं। हालांकि वक्त के साथ हमारे देश में इस रूढ़िवादी सोच को कुछ साहसी और दृढ़ महिलाओं ने खत्म किया है। इन महिलाओं ने एक क्रांति शुरू की। ऐसा ही कुछ तोमर बहनों ने भी किया। अनजाने में, वह एक ऐसी प्रणाली का हिस्सा बन गए थे जो उन्हें किसी भी तरह का कोई अवसर प्रदान नहीं करती थी क्योंकि ये समाज भलाई नहीं चाहता। लेकिन वक्त के साथ उनकी सोच बदली, जैसा उनके साथ हुआ वैसा वह अपनी बेटियों और पोतियों के लिए नहीं चाहती।'

50,000 से अधिक बच्चों की मार्गदर्शक बनीं तोमर बहनें
भूमि ने चंद्रो तोमर और प्रकाशी तोमर के बारे में बात करते हुए कहा, '60 साल की उम्र में इन दोनों ने अपने एक बेहद ही प्रेरणादायक और सशक्त सफर के माध्यम से एक पितृसत्तात्मक समाज की समस्त बेड़ियों को तोड़ दिया। हंसते, खेलते और कभी न थककर इन दोनों ने न केवल अपनी बेटियों के लिए बल्कि 50,000 से अधिक बच्चों के भविष्य के लिए समृद्धि का मार्ग प्रशस्त किया। वे दोनों प्यार, गर्मजोशी, उम्मीद और सभी सकारात्मक चीजों से ओतप्रोत हैं। दोनों बेहद ही मजेदार और जिंदादिल हैं। उनकी कहानी कुछ ऐसी है जिसे याद किया जाना चाहिए।'
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