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मैं कभी भी शालीनता के डर से पूरी तरह से सहज नहीं होना चाहता। यह केवल तब होता है जब आप खुद को असहज परिस्थितियों में डालते हैं, जिससे आप बढ़ते हैं और सीखते हैं। ये कहना है मशहूर कलाकार अनिल कपूर ( Anil Kapoor ) का जो कोलकाता में रॉयल स्टैग बैरल सिलेक्ट लार्ज शॉर्ट फिल्म्स द्वारा एक पैनल चर्चा का हिस्सा बने। इवेंट में उन्होंने फिल्मी जगत को लेकर अपने विचार साझा किए।

मेरे लक्ष्य अभी तक नहीं बदले
समय के साथ होते बदलाव पर अनिल कहते हैं कि काफी अजीब है, मेरे लक्ष्य अभी तक बिल्कुल भी नहीं बदले हैं। मैं एक सरल योजना के साथ वाला साधारण आदमी हूं और इसलिए मैं यही प्रयास करता रहूंगा।

अनिल का कॅरियर
उल्लेखनीय है कि अनिल ने 1979 में आई फिल्म 'हमारे-तुम्हारे' में एक छोटे से किरदार से एक्टिंग कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने 'वो 7 दिन', '1942: अ लव स्टोरी', 'मिस्टर इंडिया' ( Mr India ) , 'तेजाब' ( Tezaab ) , 'राम लखन' ( Ram Lakhan ), 'लम्हे' ( lamhe ) , 'बेटा' ( beta ) , 'ताल' ( taal ) , 'नायक : द रियल हीरो' ( nayak: the real hero ) , और 'पुकार' ( pukar ) जैसे कुछ उम्दा फिल्मों से लोगों के दिलों में एक खास छाप छोड़ी। आज वह देश के सुपरहिट कलाकारों में से एक हैं।
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