परिणीति चोपड़ा ने चुकानी पड़ी विरोध की कीमत, इस पद से हटाने की अफवाह

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नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर इन दिनों पूरे देश में विरोध का आलम देखने को मिल रहा है इसके साथ ही जामिया मिल्लिया इस्लामिया और AMU के छात्रों के साथ हुई बर्बरता का मुद्दा अब काफी बड़ा बन गया है। देशभर से इन छात्रों को समर्थन मिल रहा है। अब आम लोगों के साथ राजनेता से लेकर अभिनेता तक इनके पक्ष में खड़े हो रहे हैं। इस बीच अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने भी ट्वीट करते हुए इस घटना की निंदा की। जिसके बाद कहा जा रहा है कि इसी ट्वीट के चलते हरियाणा सरकार ने अभिनेत्री को बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड अंबेसडर पद से हटा दिया है।
परिणीति ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'अगर नागरिकों द्वारा अपने विचार व्यक्त करने से हर बार यही होता रहे तो कैब (Citizenship Amendment Bill) को भूल जाइये। हमें एक बिल पास करना चाहिए और अपने देश को लोकतांत्रिक देश कहना छोड़ देना चाहिए। अपने मन की बात कहने के लिए निर्दोष लोगों की पिटाई की जा रही है? बर्बर है।

मिली जानकारी के अनुसार परिणीति 2015 में हरियाणा सरकार में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' अभियान की ब्रांड अंबेसडर बनाई गईं थीं। उन्होंने अभियान के साथ 2016 में अपना कार्यकाल समाप्त कर लिया। उसके बाद रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने 2016 में यह पद संभाला।
बता दें कि बीते दिनों ऐसी खबर आई कि अभिनेता सुशांत सिंह को भी टीवी पर चल रहे 'सावधान इंडिया' से बाहर कर दिया गया है। जिसके बाद सुशांत सिंह ने अपनी सफाई देते हुए ट्वीट पर लिखा, 'और सावधान इंडिया के लिए मेरा कार्य समाप्त होता है'। इसके बाद एक ट्विटर यूजर ने उनसे पूछा कि सच बोलने की यह कीमत चुकाई है आपने ? जिस पर सुशांत का जवाब आया कि, 'मेरे दोस्त यह बहुत छोटी सी कीमत है। भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को जवाब कैसे देंगें?



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