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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) के विरोध में पूरे देश में प्रदर्शन हुए। विरोध जताने के लिए लोग सड़कों पर उतर आए । वहीं उत्तर प्रदेश में इस कानून को किया जा रहा विरोध हिंसात्मक हो गया।जिसमें कई लोगों को जान चली गई। केवल उत्तर प्रदेश में मरने वालों की संख्या 18 हो गई है। वहीं प्रदेश में घालय पुलिसकर्मियों का आंकड़ा 263 पहुंच चुका है। इसमें 57 पुलिसकर्मी प्रदर्शन के दौरान गोली लगने से घायल हुए हैं।CAA के विरोध में कानपुर (Kanpur) में पुलिस फायरिंग से तीन लोगों की मौत हो गई। उस फायरिंग में मारे गए एक बच्चे के परिजन का कहना है कि पुलिस ने उनके बेटे को गोली मारी है।जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मारे गए बच्चे के पिता ने बताया कि डॉकटर ने उन्हें उनके बेटे से मिलने तक नहीं दिया।
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बता दें कि नागरिकता क़ानून (Citizenship Amendment Act) के ख़िलाफ़ कानपुर (Kanpur) में हुई हिंसा में 20 दिसंबर को 3 लोग मारे गए थे। वहीं यूपी पुलिस का कहना है कि सिर्फ़ रबर बुलेट और पैलेट गन से फ़ायरिंग हुई। लेकिन रिपोर्ट में पता चला है कि हिंसा में ज़्यादातर मौतें बुलेट इंजरी से हुई हैं। गौरतलब है कि कानपुर में 20 दिसंबर और 21 दिसंबर दोनों ही दिन उपद्रवियों द्वारा बवाल किया गया। पहले दिन कानपुर स्थित हलीम मुस्लिम कॉलेज से यतीमखाने की ओर मुंह पर कपड़ा बांधे हुए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। नमाज के बाद युवकों ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। क्षेत्र में तनाव बढ़ता गया और लोगों ने मजबूर होकर अपनी दुकानें बंद कर दीं। पुलिस ने उपद्रवियों पर काबू पाने के लिए आंसू गैसे के गोले भी दागे और लाठीचार्ज भी किया। 21 दिसंबर को एकबार फिर उपद्रवियों ने यतीमखाने के पास बवाल शुरू कर दिया। यतीमखाना पुलिस चौकी को बलवाइयों ने आग के हवाले कर दिया।
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