लक्ष्मी अग्रवाल के लिए एसिड अटैक से ज्यादा दर्दनाक थे ये पल, भाई- पिता ने छोड़ा साथ, मां के साथ रिश्तेदार करते थे...

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बॅालीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण ( deepika padukone ) स्टारर फिल्म 'छपाक' ( chhapaak ) बॅाक्स ऑफिस पर दर्शकों द्वारा काफी पसंद की जा रही है। एसिड अटैक सर्वाइवर लक्ष्मी अग्रवाल ( laxmi agarwal ) की जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में उनकी एसिड अटैक ( acid attack survivor ) की दर्दनाक घटना को पर्दे पर पेश किया गया है। हम सभी लक्ष्मी की इस कहानी से तो वाकिफ हो चुके हैं। लेकिन उनके परिवार से जुड़ी ऐसी कई बातें हैं जिनके बारे में आप शायद ही जानते होंगे।

 

लक्ष्मी अग्रवाल के लिए एसिड अटैक से ज्यादा दर्दनाक थे ये पल, भाई- पिता ने छोड़ा साथ, मां के साथ रिश्तेदार करते थे...

लक्ष्मी का जन्म 1 जून, 1990 को हुआ था। उनके परिवार में माता- पिता के अलावा एक भाई है। लक्ष्मी आज भी एक बात कहती हैं कि वह जीवन में सबसे ज्यादा प्रेरित अपनी मां से हैं। उनसे ज्यादा बड़ी सर्वाइवर वो अपनी मां को मानती है। एक पुराने इंटरव्यू में उन्होंने अपनी मां की कहानी सुनाई थीं।

लक्ष्मी अग्रवाल के लिए एसिड अटैक से ज्यादा दर्दनाक थे ये पल, भाई- पिता ने छोड़ा साथ, मां के साथ रिश्तेदार करते थे...

लक्ष्मी की मां ने अपने जीवन में बेहद संघर्ष किया है। उनकी मां दो बहन और 1 भाई थे। वह तीन भाई बहन समाज में अकेले थे। उनकी मां डेढ़ साल की थी जब उनकी मां की मौत हो गई थी। कुछ दिनों बाद उनके पापा की भी मौत हो गई थी। उनके परिवार वालों ने भी इनका साथ छोड़ दिया था। लक्ष्मी की बड़ी मौसी की शादी हो जाने के बाद लक्ष्मी की मां और मामा अपनी जिन्दगी को जीने के लिए पैसा कमाने लगे। लक्ष्मी के मामा दिल्ली जाने लगे और लक्ष्मी की मां अपने रिश्तेदारों के यहां कोलकत्ता में रहने लगीं। उनकी मां को लोग मारते-पिटते थे और घर का काम भी कराते थे। उनकी मां को बहुत टौचर किया जाता था। इसके बाद लक्ष्मी के मामा को उनके दोस्तों ने धोखा दे दिया और सारा पैसा ले लिया। वो भी बीमार हो गए और उनकी भी मौत हो गई।

 

लक्ष्मी अग्रवाल के लिए एसिड अटैक से ज्यादा दर्दनाक थे ये पल, भाई- पिता ने छोड़ा साथ, मां के साथ रिश्तेदार करते थे...

अब लक्ष्मी की मां पूरी दुनिया में अकेली रह गई थीं। वो रो कर अपना दर्द किसी को भी नहीं बता सकती थी। लक्ष्मी की मां की बुआ उनकी मां को दिल्ली ले आईं। उनकी शादी करा दी गई। बड़ी ही कम उम्र में उन्होंने एक प्यारी सी बिटिया को जन्म दिया। उस बिटिया का नाम लक्ष्मी रखा गया। कुछ सालों बाद लक्ष्मी के भाई का जन्म हुआ। बड़ी ही खुशहाल परिवार था। लक्ष्मी पर जब एसिड अटैक हुआ तब उनका छोटा भाई सदमें में चला गया। उसने खाना-पीना छोड़ दिया और बुरी संगत में पड़ गया। कुछ दिनों बाद भाई को टी.बी. हो गया। डॉक्टर ने लक्ष्मी के पिता से कहा की उनका बेटा नहीं बचेगा। यह बात सुन लक्ष्मी के पिता की हार्ट अटैक से मौत हो गई। कुछ दिनों बाद लक्ष्मी के भाई की भी मौत हो गई। लेकिन इन सभी दुखों के बावजूद लक्ष्मी की मां ने हार नहीं मानी और लक्ष्मी के इस दर्दनाक सफर में उनका साथ दिया।



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