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नई दिल्ली। 14 फरवरी यानी की प्यार का दिन 'वैलेंटाइन डे' इस दिन बॉलीवुड की सबसे हसीन और दिग्गज अभिनेत्री मधुबाला ( Madhubala ) का जन्म हुआ था। मधुबाला को देख ऐसा लगता था कि मानो भगवान ने बड़ी ही तसल्ली के साथ उन्हें बनाया हो। उनकी खूबसूरती उनके अभिनय में भी दिखाई देती थी। बरसात की रात, चलती का नाम गाड़ी और बेहतरीन फिल्मों की सबसे बड़ी मिसाल 'मुगल-ए-आज़म' ( Mughal-e-azam )। इन फिल्मों ने मधुबाला को 'वीनस ऑफ हिंदी सिनेमा' का ताज पहनाया। मात्र 36 साल की मधुबाला ने 23 फरवरी 1969 को अंतिम सांस ली। आज मधुबाला की पुण्यतिथि है।
ऑनस्क्रीन पर सादगी से भरी और सुलझी दिखाई देने वाली मधुबाला की जिंदगी में कभी सुकून नहीं रहा। उनकी जिंदगी में वो हमेशा प्यार को पाने के लिए तरसती ही रहीं। 1951 में आई फिल्म 'तराना' ( Tarana ) ने मधुबाला की जिंदगी को ही बदला दिया। इस फिल्म के सेट से मधुबाला के प्यार की शुरूआत हुई। दरअसल शूटिंग के दौरान मधुबाला को दिलीप कुमार ( Dilip Kumar ) से प्यार हो गया था। लेकिन कहीं ना कहीं मधुबाला के पिता को इस रिश्तें से काफी शिकायत थी। लेकिन दूसरी तरफ फिल्मों के जरिए इस जोड़ी को दर्शकों का काफी प्यार भी मिल रहा था। उनकी इस लव स्टोरी का एंड बेहद ही खराब हुआ। पिता से मंजूरी ना मिलने के बाद दिलीप कुमार और मधुबाला का रिश्ता टूट गया। टूटे दिल के साथ जी रही मधुबाला को एक हमसफ़र की जरूरत थी।
मधुबाला की जिंदगी में एंट्री हुई एक ऐसे शख्स की जिसने गानों और फिल्मों में अपनी एक्टिंग के जरिए लाखों लोगों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी। जी हां, हम बात कर रहे हैं किशोर कुमार ( Kishor Kumar ) की। उन दिनों किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के के जाने-माने चेहरा था। किशोर कुमार को देख मधुबाला का दिल फिर से जी उठा। किशोर कुमार भी मधुबाला को चाहने लगे थे और अपने रिश्ते को एक नाम देना चाहते थे, देरी ना करते हुए किशोर कुमार ने तुरंत मधुबाला को शादी के लिए प्रपोज किया। लेकिन घरवालों की सोच को जानते हुए मधुबाला ने उनके शादी के प्रस्ताव को मना कर दिया।
किशोर कुमार ने भी हार नहीं मानी और कोशिश करते रहे। साल 1960 में किशोर कुमार और मधुबाला ने शादी कर ली। शादी के बाद मधुबाला की जिंदगी में फिर बड़ा तूफान आया। उन्हें पता चला कि उनके दिल में छेद है। वहीं किशोर कुमार काम में व्यस्त होने की वजह से मधुबाला को समय नहीं दे पाते थे। आखिर वक्तों में भी मधुबाला अकेली ही रही और 23 1969 में अंतिम सांस ली।
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