जब ब्लेड से अपना हाथ काटकर आत्महत्या करने जा रही थीं यह एक्ट्रेस, हुआ था ऐसा हाल

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नई दिल्ली। 1940 और 50 के दशक की खूबसूरत अदाकार नरगिस (Nargis Dutt) को भला कौन नही जानता। उनकी फिल्म मदर इंडिया (Nargis Dutt Film Mother India) को देख हर किसी के दिल में उनकी खूबसूरत छवि निखरकर सामने आ जाती है तभी तो इस एक्ट्रेस ने बॉलीवुड इंडस्ट्री में दो दशकों तक काम करके उस दौर की अभिनेत्री के बीच लोहा मनवा लिया था।

बैसे तो यह एक्ट्रेस राज कपूर (Nargis Raj Kapoor love story) के साथ रिलेशनशिप को लेकर काफी मशहूर थी। इतमा ही नही उनके बुरे वक्त में साथ देने के लिए इस एक्ट्रेस ने अपने पास के पूरे गहने तक बेच दिए थे। लेकिन अचानक नरगिस (Nargis) को ऐसा क्या हुआ कि उन्हें आत्महत्या करने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस बात को भले ही बहुत कम ही लोग जानते होंगे कि नरगिस आत्महत्या करने जा रही थी लेकिन इसकी वजह राज नहीं बल्कि सुनील दत्त (Sunil Dutt) थे।

नरगिस दत्त(nargis dutt films) ने अपने करियर की शुरूआत महबूब खान की 1943 आई फिल्म ‘तकदीर’ से बतौर नायिका के रूप में की थी। इसके बाद साल 1945 मे उन्हें फिल्म ‘हुमाँयूं’ मे काम करने का मौका मिला।जो सफल फिल्मों से एक थी। फिर तो उनकी हर फिल्मों से उन्हें सफलता ही हासिल हुई। उस दौरान उनकी 'बरसात' और 'अंदाज' जैसी सफल फिल्में आईं।

साल 1950 से 1954 तक का समय नरगिस के सिने कैरियर के लिये बुरा साबित हुआ। उस दौरान उनकी 'शीशा, बेवफा, आशियाना, अंबर, अनहोनी, शिकस्त, पापी, धुन,अंगारे' जैसी कई फिल्में बॉक्स आफिस पर असफल हो गई लेकिन वर्ष 1955 मे उनकी राज कपूर के साथ 'श्री 420' आई जिसने एक बार फिर से उन्हें शोहरत की बुंलदियों पर जा पहुंचा दिया।

नरगिस दत्त की सुनीत दत्त से पहली मुलाकात मदर इंडिया के सेट पर हुई थी और इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान नरगिस को सुनील दत्त आग से बचाया था। इस घटना के बाद नरगिस ने कहा था कि पुरानी नरगिस की मौत हो गयी है और नई नरगिस का जन्म हुआ है। इसके बाद नरग‌िस, सुनील दत्त की हो गईं।

आत्महत्या करने का प्रयास

कहा जाता है कि शादी से पहले नरगिस अपने भाई की मदद किया करती थी लेकिन इसके बाद भी उनका भाई नरगिस की ओर कभी ध्यान नहीं देता था जिसका दुख नरगिस के हमेशा रहा है, और जब उन्होंने अपनी पीड़ा को सुनील दत्त से व्यक्त किया था तो सुनील की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने से वो इतनी नाराज हो गई कि उन्होंने कई बार आत्महत्या करने की कोशिश की। यहां तक कि नरगिस ने अपने हाथ से अपनी उंगली को ब्लेड से काटने का प्रयास भी किया।

 नरगिस दत्त ने शादी के बाद फिल्मों में काम करना कम कर दिया था लेकिन उनके अभिनय को देख उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह पहला मौका था जब किसी अभिनेत्री को राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया था। इसके अलावा उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाजा गया था। वह राज्यसभा सदस्य के लिए भी चुनी गई थी। हर किसी के दिल में राज करने वाली नरगिस 03 मई 1981 को सदा के लिये इस दुनिया से रुखसत हो गई।



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