बॉलीवुड कलाकरों ने केंद्र सरकार को लिखा खुला पत्र, Varavara Rao संग गिरफ्तार लोगों की रिहाई की मांग की

advertise here
Read Full Article from Here

लेटेस्ट खबरें हिंदी में, अजब - गजब, टेक्नोलॉजी, जरा हटके, वायरल खबर, गैजेट न्यूज़ आदि सब हिंदी में

नई दिल्ली। देशभर में तेजी से कोरोनावायरस ( coronavirus ) का संकट फैलता जा रहा है। ऐसे में सरकार द्वारा निर्देश दिए गए हैं कि जेल में बंद सभी कैदियों को वायरस के चलते रिहा कर ( Prisoners released from jail ) दिया जाएगा। लेकिन बावजूद इसके अभी तक जेल में कैद वरवरा राव ( Varavara Rao ) सहित सुधा भारद्वाज ( Sudha Bhardwaj ), शोमा सेन ( Shobha Sen ), आनंद तेलतुंबडे ( Anand Teltumbde ), गौतम नवलखा ( gautam navlakha ),अरुण फरीरा ( Arun ferreira ), वी गोंजाल्विस , सुरेंद्र गाडलिंग, महेश राउत, सुधीर धवले और रोना विल्सन जेल में हैं। जारी किए निर्देशों के बाद भी इन तमाम लोगों को अभी तक जेल से बाहर नहीं निकाल नहीं किया। इस पूरे मामले में अब बॉलीवुड से 500 हस्तियों ने एक पत्र लिखकर वरवरा राव और सफूरा जरगर जैसे मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ( Human rights activists) को ऐसे वक्त में जबकि देश में महामारी का प्रकोप फैल रहा है, तत्काल जमानत पर छोड़ने की मांग की है।

Bollywood Celebs Wrote open letter for them

सौमित्र चटर्जी ( soumitra chatterjee ), अडूर गोपालकृष्णन ( Adoor gopalakrishnan ) और अपर्णा सेन ( Aprana Sen ) समेत 500 प्रसिद्ध लोगों ने केंद्र को एक खुला पत्र लिखकर ( Open Letter ) इंडियन कल्चरल फोरम ( Indian Cultural Forum ) की ओर से 16 जून को जारी पत्र में कहा गया है,'महाराष्ट्र की जेलों में जहां उन्हें रखा गया है, कुछ कैदियों की कोविड-19 से मौत हो चुकी है और अन्य कई संक्रमित मिले हैं।' यही नहीं पत्र में बॉलीवुड के दिग्गज कलाकारों ने पत्र में लिखते हुए कहा है कि, 'हमें पता चला है कि 80 वर्षीय वरवरा राव बीमार हैं और उन्हें एक पुलिस अस्पताल में रखा गया है। इस पत्र में नसीरूद्दीन शाह ( Naseeruddin Shah ), शबाना आजमी (Shabana azmi), नंदिता दास ( Nandita Das ), अमोल पालेकर ( amol palekar ), अनुराग कश्यप ( Anurag Kashyap ) आदि के भी हस्ताक्षर भी हैं।

 

खबरों की माने तो बताया जा रहा है कि 28 मई की शाम महाराष्ट्र की तालोजा जेल ( Taloja jail ) में कैद 81 वर्षीय वरवरा राव ( Varavara rao health ) की तबीयत खराब हो गई थी। जिसके बाद पुलिस उन्हें अस्पताल में एडमिट ( Admitted in Hospital ) कराया है। बावजूद इसके पुलिस उन्हें जेल से रिहा नहीं कर रही है। इस पूरे ही मामले में जामिया मिलिया इस्लामिया ( Jamia Millia Islamia ) की छात्रा सफूरा जरगर ( safoora zargar ) और असम के मानवाधिकार कार्यकर्ता अखिल गोगोई को जमानत पर रिहा नहीं किये जाने पर भी निराशा प्रकट की गयी है। आपको बता दें वकील सुधा भारद्वाज, लेखक वामपंथी विचारक वरावर राव, गौतम नौलखा, एक्टिविस्ट अरुण फरेरा, और वरनान गोनसालवेस की कल रेड के बाद गिरफ्तारी हुई और इसके अलवावा 10 लोगों की तलाशी ली गई है। पुलिस का आरोप है कि ये लोग अर्बन नक्सली हैं, ये नक्सलियों को विचारधारा से लेकर कानूनी मद और पैसे तक से सहायता कर रहे हैं। जिसकी जानकारी पुणे पुलिस ने दी थी ।



from Patrika : India's Leading Hindi News Portal Read Full Article
via Patrika Rss

Click to comment