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कोई भी गाना सिंगर को देखकर नहीं बल्कि फिल्म की कहानी और इसके कलाकारों की अवस्था को देखकर तैयार किया जाता है। यह कहना है सिंगर सुखविंदर सिंह (Sukhwinder Singh) का। सुखविंदर सिंह और ए आर रहमान की जोड़ी ने वैसे तो कहीं हिट गाने दिए हैं, लेकिन सबसे ज्यादा प्रसिद्धि फिल्म 'स्लमडॉग मिलेनियर' (Slumdog Millionaire) के सॉन्ग 'जय हो' (Jai Ho Song) से मिली। एफएम तड़का के आरजे जयशंकर पांडे ने सुखविंदर सिंह से उनके कॅरियर और संगीत कला जगत को लेकर खास बातचीत की है।
'जय हो' ने बदल दिया नजरिया
'जय हो' गाने पर बात करते हुए सुखविंदर ने कहा कि इससे पहले मैंने कई गाने गाए। उस समय जब भी विदेश में कभी कोई इवेंट में गाता था तो वहां की लोकल 20 से 25 फीसदी श्रोता मुझे सुनने आया करती थी। इस दौरान पूरा हॉल खचाखच भर गया। इस गाने के जरिए न केवल सिंगर का बल्कि देश का नाम बाहर के देशों में जानने लगे। गाने के बाद जो दर्शकों की प्रतिक्रिया में जो बदलाव आया, उसे देखकर अच्छा लगा।
इश्क के है कई रंग
इश्क के कई रंग है जैसे, फैशन, इबादत, संजोग, सिद्दत और दीदार। जीवन में इश्क से ही गुजारा होता है। इसके बिना जीवन फीका है। मुझे म्यूजिक से इश्क है। मैं हमेशा इसके साथ जीता हूं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग केवल कपल के बीच ही इश्क देखते हैं, यह सही नहीं है। आपके पास जीने की कोई वजह है तो जिंदगी बहुत ही खूबसूरत लगती है। इसके बिना आप अधूरे हैं।
कहानी के अनुसार तैयार होते गाने
कोई भी गाना लिखा जाता है तो सिंगर को देखकर नहीं लिखा जाता। फिल्म की कहानी और इसके कलाकारों की मौजूदा अवस्था को देखकर गाना तैयार किया जाता है। इसमें सबसे बड़ा रोल म्यूजिक डायरेक्टर का होता है। वह तय करता है कि कौनसा गाना किस की आवाज में फिट बैठता है। इसी प्रकार गाना लिखने के लिए, उसे तैयार करने की प्लानिंग होती है। इसके बाद कंपनी के साथ करार किया जाता है।
रिमिक्स का जमाना है
रिमिक्स गानों पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से गानों को रिक्रिएट किया जा रहा है। कुछ गाने सुनने में अच्छे लगते हैं, लेकिन इसकी मूल आत्मा को नहीं बदला जा सकता है। रिमिक्स के जमाने में कई गाने हिट हुए हैं। यदि मुझे यह गाने का मौका मिलेगा तो दावा तो नहीं करता पर पूरी दुनिया झूम उठेगी। आपको इस दुनिया में गुलजार साहब, जावेद अख्तर, लता मंगेशकर और किशोर कुमार जैसी हस्तियां दोबारा नहीं मिलेंगी।
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