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मुंबई। कोरोना संक्रमण का इलाज नानावती अस्पताल में ले रहे अमिताभ बच्चन ( Amitabh Bachchan ) ने शनिवार सुबह दो ट्वीट किए। दोनों ट्वीट्स की थीम बोली/वचन पर थी। इन ट्वीट्स को देखकर लगता है कि अभिनेता अब भी उस ट्रोलर के कटु वचनों को भूला नहीं पा रहे हैं, जिसने उनके कोरोना से मर जाने की दुआ की थी।
पहले ट्वीट में अमिताभ ने संस्कृत में लिखे शिशुपाल वध काव्य का एक छन्द हिन्दी अनुवाद सहित शेयर किया। इसमें लिखा,'वचनैरसतां महीयसो न खलु व्येति गुरुत्वमुद्धतैः। किमपैति रजोभिरौर्वरैरवकीर्णस्य मणेर्महार्घता।। (शिशुपालवधम्,१६.२७)। अर्थात 'दुर्जनों के वचन से सज्जनों का गौरव कम नहीं होता। पृथ्वी की धूलि से ढके हुए रत्न की बहुमूल्यता कभी नष्ट नहीं होती।'
दूसरे ट्वीट में लिखा,'जीभ पर लगी चोट जल्दी ठीक हो जाती है, लेकिन जीभ से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती..!!' दोनों ट्वीट में बिग बी उस ट्रोलर और ऐसे लोगों को ज्ञान देते दिखे जो अपनी वाणी पर कंट्रोल नहीं करते हैं।
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को अमिताभ ने अपने ब्लॉग में एक अनाम यूजर को जमकर लताड़ लगाई। ऐसा पहली बार देखने में आया कि अमिताभ ने किसी को सार्वजनिक रूप से शर्मसार करते हुए कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया।
अमिताभ ने ऐस लगाई ट्रोलर को लताड़— हे, अनाम यूजर...तुम अपने पिता का नाम नहीं लिखा क्योंकि तुमको इस बारे में पता ही नहीं है....इसमें दो बातें हो सकती हैं... या तो मैं मर जाउं या मैं जिंदा रहूं। अगर मैं मर गया तो तुम एक सेलिब्रिटी पर भड़ास निकालने और उन्हें कोसने का काम आगे नहीं कर पाओगे। तुम्हारे कमेंट पर इसलिए ध्यान गया क्योंकि तुमने अमिताभ पर निशाना साधा...जो लंबे वक्त तक नहीं रहेगा...। भगवान की दया से अगर मैं जिंदा रहा तो तुम्हे मेरा ही नहीं मेरे 90 मिलियन से ज्यादा फॉलोअर्स के गुस्से का सामना करना पड़ेगा। अभी तो मैंने उनसे इस बारे में नहीं बताया है लेकिन अगर मैं जिंदा रह गया... फॉलोअर्स पूरी दुनिया में फैले हैं और मैं उन सबको बोल दूंगा कि ठोक दो!
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